कुपोषण के खिलाफ जंग में वाराणसी का बेहतर प्रदर्शन, मिला तीसरा स्थान
- संभव अभियान के तहत सैम बच्चों के पोषण की दिशा में उम्दा काम का इनाम
- महिला एवं बाल विकास मंत्री बेबी रानी मौर्य ने डीपीओ को दिया सम्मान पत्र
- कुपोषित बच्चों का चिह्नांकन, संदर्भन, उपचार, प्रबंधन व फॉलो-अप पर फोकस
वाराणसी। बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के अंतर्गत पिछले वर्ष जून व सितंबर 2023 में संचालित किए गए ‘संभव’ अभियान में वाराणसी ने प्रदेश में तृतीय स्थान प्राप्त किया है। इस क्रम में सोमवार को महिला एवं बाल विकास मंत्री बेनी रानी मौर्य ने वाराणसी के आईसीडीएस विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। इस अभियान में वाराणसी ने अति कुपोषित (सैम) बच्चों के लक्ष्य के सापेक्ष लगभग 46 फीसदी बच्चों को स्वस्थ किया है। शेष बच्चों को आगामी माह में स्वस्थ किया गया।
आईसीडीएस उत्तर प्रदेश की निदेशक सरणीत कौर ब्रोका की ओर से जारी किए गए सम्मान पत्र में कहा गया कि “जनपद वाराणसी को संभव अभियान 2023 में उत्कृष्ट कार्य हेतु राज्य स्तर पर तृतीय स्थान प्राप्त हुआ है। इसके लिए जिला कार्यक्रम अधिकारी के इस सराहनीय कार्य की प्रशंसा की गई है। जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा चिह्नित किए जा रहे कुपोषित (मैम) व अति कुपोषित (सैम) बच्चों की सूची तैयार कर उनका उपचार किया जा रहा है। आवश्यकतानुसार इन बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) व मिनी एनआरसी भेजा जा रहा है।
वर्तमान में संभव अभियान के अंतर्गत समस्त आठ विकास खंडों व नगरीय विकास परियोजना में जनपद के 3914 आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पोषण व स्वास्थ्य से जुड़ी विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं। इस अभियान की मुख्य थीम कुपोषित बच्चों का चिह्नांकन, संदर्भन, उपचार, प्रबंधन व फॉलो-अप है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 में संभव अभियान एक नवाचार के रूप में प्रारंभ किया गया था, जिसमें विशेष रूप से अति कुपोषित व कुपोषित बच्चों का चिह्नांकन, उपचार व सामुदायिक स्तर पर उनके प्रबंधन के साथ कुपोषण की रोकथाम के लिए व्यवहार परिवर्तन पर जोर दिया गया था। अभियान के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता बच्चों के साथ पहली तिमाही की गर्भवती का वजन व ऊंचाई माप रही हैं। कुपोषित बच्चों व गर्भवती को चिन्हित कर उनकी चिकित्सकीय प्रबंधन की व्यवस्था की जा रही है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि संभव अभियान 2023 के अंतर्गत पोषण ट्रैकर पर 5579 बच्चों का वजन व लंबाई के आधार पर चिन्हित किया गया। स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से वीएचएसएनडी/ई-कवच पर चिन्हित 5579 बच्चों की सूची तैयार की गई। इसके अलावा 7694 बच्चों का फॉलो अप किया गया। इसमें से 3242 बच्चों को अति कुपोषित (सैम) श्रेणी में रखा गया। इन सभी बच्चों का उपचार ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस (वीएचएसएनडी) व स्वास्थ्य उपकेंद्र पर किया गया, जिसमें से 1488 (46 फीसदी) बच्चे स्वस्थ हुए। शेष बच्चों को आगामी दिवसों में स्वस्थ किया गया।
डीएमओ ने कहा कि इस अभियान के दौरान पोषण 500 के रूप में एक नवीन गतिविधि आयोजित किया जाना है, जिसमें गर्भावस्था से लेकर शिशु के जन्म के प्रथम छह माह (500 दिन) शिशु के पोषण एवं स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। यदि कोई गर्भवती व धात्री महिला कुपोषण से ग्रसित है तो बच्चे में भी कुपोषण की सम्भावना बनी रहती है। शिशु कुपोषण मुक्त रहे, इसके लिए शुरूआती पहचान जरूरी होती है। वर्तमान में जनपद वाराणसी में मात्र 779 बच्चे सैम श्रेणी में बचे हुए है, जिन्हें तीन माह में सामान्य श्रेणी में लाने के लिए प्रयास किया जा रहा है।
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