वाराणसी : ग्राम प्रधान की गिरफ्तारी के बाद गरमाई सियासत, चस्पा किया पोस्टर
वाराणसी। मिर्जामुराद थाना क्षेत्र के कुंडरिया गांव में बिजली विभाग के लाइनमैन फयाराम राजभर की हत्या के मामले में ग्राम प्रधान मोहित सिंह समेत तीन आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद वाराणसी की राजनीति में उबाल आ गया है। गुरुवार को पुलिस ने मेहंदीगंज यात्री बस स्टैंड से आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया। पुलिस का दावा है कि गिरफ्तारी साक्ष्यों और गवाहों के बयान के आधार पर की गई है और जांच निष्पक्ष रूप से जारी है।
हालांकि, इस गिरफ्तारी के बाद शहर के कचहरी चौराहे पर एक विवादित पोस्टर लगाए जाने से राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। पोस्टर में भाजपा सरकार पर जातिवाद का आरोप लगाते हुए लिखा गया है। पोस्टर पर अधिवक्ता विकास सिंह का नाम है, जिन्होंने खुलकर मोहित सिंह के पक्ष में आवाज उठाई है।
विकास सिंह ने आरोप लगाया कि मोहित सिंह को एक सुनियोजित राजनीतिक साज़िश के तहत फंसाया गया है और यह पूरी कार्रवाई भाजपा सरकार की जातिवादी सोच का परिणाम है। उनका दावा है कि भाजपा के भीतर इस मामले को लेकर दो धड़े बन गए हैं। एक पक्ष जहां कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहा है, वहीं दूसरा पक्ष मोहित सिंह को निर्दोष बताकर उनके समर्थन में खड़ा हो गया है।
विकास सिंह ने कहा, “यह केवल हत्या नहीं, बल्कि एक समुदाय विशेष को राजनीतिक रूप से कमजोर करने की साजिश है। सवाल यह है कि क्या अब भूमिहार होना अपराध बन गया है?” उन्होंने सरकार से जवाब मांगा कि क्या जाति के आधार पर राजनीतिक लाभ के लिए कार्रवाई हो रही है। इस बीच पुलिस प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि मामले में कानून के तहत कार्रवाई हो रही है और किसी भी तरह के जातीय भेदभाव की कोई गुंजाइश नहीं है। पुलिस ने निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया है।
वाराणसी में भूमिहार समुदाय का प्रभाव राजनीतिक दृष्टि से अहम माना जाता है। ऐसे में इस घटना ने न केवल कानून व्यवस्था, बल्कि भाजपा के आंतरिक संतुलन और जातीय राजनीति को भी एक बार फिर बहस के केंद्र में ला दिया है।

