वाराणसी : पंडित रामाश्रय झा ‘रामरंग’ जयंती पर सजी सुर-सरिता, शास्त्रीय गायन की अद्भुत प्रस्तुतियां

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वाराणसी। रामरंग समिति, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (क्षेत्रीय केंद्र, वाराणसी) एवं संगीत एवं मंच कला संकाय के गायन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को बीएचयू के पंडित ओंकारनाथ ठाकुर प्रेक्षागृह में संगीत मनीषी पंडित रामाश्रय झा ‘रामरंग’ की जयंती अवसर पर भव्य संगीत समारोह आयोजित हुआ। इसमें शास्त्रीय गायन की अद्भुत प्रस्तुतियों ने लोगों का मन मोह लिया। 

कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती, महामना, पंडित ओंकारनाथ ठाकुर और पंडित रामाश्रय झा ‘रामरंग’ के चित्रों पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि के साथ दीप प्रज्वलन से हुई। प्रथम प्रस्तुति के रूप में “संगीत रामायण” के सिया स्वयंवर प्रसंग का गायन हुआ, जिसमें डॉ. पंकज शर्मा, भरत अंकित, ईशान घोष, प्रणव शंकर, तेजस्विनी वर्णेकर, प्रियंका सहवाल, वागीशा पांडे और हरिप्रिया पांडे ने अपनी कला से दर्शकों को भावविभोर कर दिया। तबला संगति डॉ. अभिनव आचार्य और पीयूष कुमार ने दी।

दूसरी प्रस्तुति में प्रतियोगिता के कनिष्ठ और वरिष्ठ वर्ग के विजेताओं ने मंच संभाला। पूरे देश से आभासी माध्यम से चयनित पांच-पांच प्रतिभागियों में से कनिष्ठ वर्ग के विजेता ऋषिकेश धवलीकर ने राग श्याम कल्याण और वरिष्ठ वर्ग के विजेता सुजल जैन ने राग मधुवंती प्रस्तुत किया। सभी विजेताओं को रामरंग समिति द्वारा अंगवस्त्र और पुरस्कार राशि भेंट की गई।

अंतिम प्रस्तुति में प्रयागराज से आईं शास्त्रीय गायिका रश्मि चौधरी ने राग पूरिया धनाश्री से कार्यक्रम को ऊंचाई दी। उन्होंने विलंबित रचना “सांझ भई चिड़िया बोले” और द्रुत ख्याल “मिले नहीं चैन हरि बिना” प्रस्तुत कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कौस्तुभ जयंती वर्ष के अवसर पर उन्हें ‘कौस्तुभ कला रत्न’ सम्मान से विभूषित किया गया।

कार्यक्रम में प्रो. संजय कुमार, विदुषी अनुराधा कुबेर, डॉ. राजेश गौतम, प्रो. शारदा वेलंकर, प्रो. रिचा कुमार, प्रो. प्रवीण उद्धव, पं. कृष्ण राम दोहकर, पं. कुबेरनाथ, डॉ. कुमार अंबरीश चंचल, डॉ. ज्ञानेश पांडे सहित अनेक संगीत प्रेमी उपस्थित रहे। तकनीकी सहयोग प्रणव शंकर ने दिया। संचालन श्री कृष्ण कुमार तिवारी और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. रामशंकर ने किया। इस अवसर पर रामरंग समिति के प्रमुख एवं संयोजक डॉ. रामशंकर, डॉ. वेणु वनिता, केंद्राध्यक्ष डॉ. अभिजीत दीक्षित, संकाय प्रमुख प्रो. संगीता पंडित, वाद्य विभागाध्यक्ष प्रो. राजेश शाह और प्रो. विधि नागर उपस्थित रहीं।

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