वाराणसी :  मन प्रसन्न रहेगा तभी शरीर स्वस्थ रहेगा, खुशहाली गुरु ने मानसिक स्वास्थ्य पर की चर्चा 

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वाराणसी। शोध संवाद समूह की ओर से वसंत सत्र के तहत भोजपुरी अध्ययन केंद्र में जनपद और स्वास्थ्य चुनौतियां और समाधान विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया। इसमें मनोरोग विभाग के आचार्य प्रोफेसर संजय गुप्ता (खुशहाली गुरु) ने मानसिक स्वास्थ्य पर विस्तार से चर्चा की। अध्ययन केंद्र के समन्वयक प्रोफेसर श्रीप्रकाश शुक्ल ने गमछा ओढ़ाकर उन्हें सम्मानित किया। 

इस अवसर पर खुशहाली गुरु के नाम से प्रसिद्ध मनोरोग विभाग के आचार्य प्रो. संजय गुप्ता ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य के प्रति भोजपुरी जनपद ही नहीं वरन हर जगह एक उपेक्षा का भाव रखा गया है, जोकि बेहद ही निराशाजनक अवस्था है। मानसिक स्वास्थ्य शरीर की सबसे बड़ी आवश्यकता है, मन के प्रसन्न होने से शरीर भी स्वस्थ रहता है। यद्यपि वर्तमान में मानसिक रोगों के प्रति उपेक्षा का भाव कम हो रहा है तथा लोगों के मन में इसके प्रति जागरुकता बढ़ रही है। प्रो. गुप्ता ने अपने वक्तव्य में इस बात पर जोर दिया कि मानसिक रोग सहानुभूति नहीं इलाज का विषय हैं। 

केंद्र के समन्वयक प्रो. शुक्ल ने कहा कि जनपद के दायरे में बिना विधागत विभेद के सभी क्षेत्रों के विशेषज्ञ उपस्थित रहते हैं। यह कार्यक्रम जनपदीय जागरुकता के क्रम में उठाया गया एक कदम है। जागरुक जनपद ही स्वस्थ जनपद होता है। बीएचयू यूरोलॉजी विभाग में आचार्य प्रो.समीर त्रिवेदी के कहा कि अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहना हमारा सबसे बड़ा दायित्व है तथा साथ ही सरकार का स्वास्थ्य क्षेत्र के प्रति जागरूक दृष्टिकोण अपनाना भी आवश्यक है। उन्होंने यूरोलॉजी से सम्बंधित तमाम रोगों की बात की। बताया कि यूरिनरी ब्लेडर से सम्बंधित समस्या पूर्वांचल की सबसे प्रमुख समस्या है। उन्होंने किडनी स्टोन, यूरिनरी इंफेक्शन, कैंसर आदि बीमारियों के कारण और उसके समाधान पर विस्तार से बात की।

स्त्री रोग विभाग में आचार्य प्रो. उमा पाण्डेय ने कहा कि पूर्वांचल के पिछड़े माहौल में मुख्य समस्या अपने ही स्वास्थ्य के प्रति लोगों की विशेषकर महिलाओं की लापरवाही है। किसी भी रोग के उपचार के लिए यह आवश्यक है कि निरंतर डॉक्टर के सम्पर्क में रहा जाए। जब तक कि हम पूर्णतः स्वस्थ न हो जाएं। कहा कि लड़कियों को अपने स्वास्थ्य के प्रति अधिक जागरूक और सचेत होने की आवश्यकता है। महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के बचाव के लिए सरकार से लगाई जा रही एचपीवी वैक्सीन अवश्य लेनी चाहिए। उन्होंने महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर प्रमुख समस्याओं और उनके समाधान पर बात की। इसके अलावा जीरियाट्रिक्स विभाग में आचार्य प्रो.शंखशुभ्र चक्रवर्ती, रेडियोलॉजी विभाग के डॉ. अमितधर द्विवेदी ने भी विचार रखे।

इस अवसर पर केंद्र की शोधार्थी अलका कुमारी व निवेदिता ने वसंत और होली गीत की प्रस्तुति दी गयी। शोधार्थी सुधीर गौतम ने बांसुरी पर एक होली गीत की प्रस्तुति दी। तबले पर संगत संगीत विभाग के शोध छात्र प्रेमचंद ने किया। कार्यक्रम का संचालन केंद्र की शोधार्थी शिवांगी सिंह और धन्यवाद ज्ञापन केंद्र के शोधार्थी संतोष चौबे ने किया। इस अवसर पर प्रो. सुरेश नायर, डॉ. महेंद्र प्रसाद कुशवाहा, डॉ. रविशंकर सोनकर, डॉ. विंध्याचल यादव, डॉ. प्रियंका सोनकर, डॉ. राजकुमार मीणा समेत अन्य मौजूद रहे।

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