वाराणसी : महिला सशक्तिकरण हेतु कौशल विकास पर एकदिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन, महिलाओं को सिखाई गई डिजिटल सिलाई तकनीक

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वाराणसी। समन्वित ग्रामीण विकास केंद्र, सामाजिक विज्ञान संकाय, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय द्वारा ऑटोमेटिक सिलाई मशीन के उपयोग पर एकदिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की महिलाओं को आधुनिक डिजिटल सिलाई तकनीक से सशक्त बनाते हुए उन्हें कौशलयुक्त और आत्मनिर्भर बनाना था। यह प्रशिक्षण भारत सरकार के महिला सशक्तिकरण एवं कौशल विकास कार्यक्रम की अवधारणा के अनुरूप आयोजित किया गया।

कार्यशाला में सिंगर इंडिया लिमिटेड के विशेषज्ञ राधे श्याम गोड ने ऑटोमेटिक सिलाई मशीन के संचालन, डिज़ाइन निर्माण और उन्नत सिलाई तकनीकों का प्रशिक्षण दिया। उनके साथ सिलाई प्रशिक्षिका आरती विश्वकर्मा ने भी प्रशिक्षण प्रक्रिया में सहयोग किया।

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कार्यक्रम के दौरान IIT-BHU की गौरी बलचंद्रन और काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, भौतिकी विभाग के प्रो. अंचल श्रीवास्तव ने प्रतिभागी महिलाओं को संबोधित किया। दोनों अतिथियों ने महिलाओं के कौशल विकास को समय की आवश्यकता बताया और कहा कि डिजिटल तकनीक के माध्यम से स्वरोजगार को मजबूत बनाया जा सकता है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि यदि कोई महिला स्टार्टअप या उद्यमिता की दिशा में कदम बढ़ाना चाहती है तो उन्हें आवश्यक मार्गदर्शन और सहयोग उपलब्ध कराया जाएगा।

समन्वित ग्रामीण विकास केंद्र के कोऑर्डिनेटर एवं निदेशक डॉ. आलोक कुमार पाण्डेय ने बताया कि केंद्र द्वारा सिलाई से संबंधित प्रशिक्षण कार्यक्रम महिलाओं को आजीविका के नए अवसर प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाएँ सरकार के कौशल विकास अभियान को जमीनी स्तर पर मजबूती देती हैं और महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता की दिशा में प्रेरित करती हैं।

केंद्र के परियोजना अधिकारी डॉ. भूपेन्द्र प्रताप सिंह ने कार्यक्रम के दौरान अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि डिजिटल तकनीक ने रोजगार और प्रशिक्षण के नए आयाम खोले हैं, जिन्हें महिलाएँ आसानी से सीखकर अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकती हैं। कार्यक्रम का समापन आरती विश्वकर्मा द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ किया गया।

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