वाराणसी : नगर निगम ने नालों से हटवाया अतिक्रमण, 27,800 रुपये जुर्माना वसूला

वाराणसी। नगर निगम की ओर से शहर के विभिन्न क्षेत्रों में चलाए जा रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत बुधवार को कई स्थानों पर बड़ी कार्रवाई की गई। नगर आयुक्त अक्षत वर्मा के निर्देश पर आदमपुर, दशाश्वमेध, ऋषि मांडवी और सारनाथ जोन में नाले-नालियों से अतिक्रमण हटवाया गया। इस दौरान अतिक्रमणकारियों से कुल 27,800 रुपये जुर्माना भी वसूला गया।
अभियान की शुरुआत आदमपुर जोन से हुई, जहां जोनल अधिकारी मृत्युंजय मिश्रा, प्रवर्तन दल प्रभारी कर्नल संदीप शर्मा, अतिक्रमण विभाग और कोतवाली थाना की संयुक्त टीम ने नमो घाट से भैसा घाट तक सिंगल रूट की व्यवस्था सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कार्रवाई की। इस दौरान सड़क के दोनों ओर ठेले और गोमटियों को हटाया गया। लाउडस्पीकर के माध्यम से चेतावनी दी गई और अतिक्रमण करने वालों से जुर्माना वसूला गया। कुल 1 गोमटी और 2 ठेला गाड़ियां जब्त की गईं।
जोनल अधिकारी जितेन्द्र कुमार आनंद के नेतृत्व में सेनपुरा और रामकटोरा क्षेत्र में अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया गया। यहां पाया गया कि कई दुकानदार नालों के ऊपर गुमटियां रखकर अवैध रूप से खाद्य सामग्री की बिक्री कर रहे थे, जिससे नालों में गंदगी जमा हो रही थी। नगर निगम की टीम ने सभी गुमटियों को हटाकर जब्त कर लिया और अतिक्रमणकारियों से 8,000 रुपये जुर्माना वसूला।
जोनल अधिकारी अनुपम त्रिपाठी की अगुवाई में हवेलिया चौराहा से सारनाथ म्यूजियम तक अतिक्रमण और अवैध विज्ञापन के खिलाफ अभियान चलाया गया। इस दौरान सड़क पर अवैध वेंडिंग करने वाले दुकानदारों को हटाया गया और कुछ दुकानदारों को प्रतिबंधित प्लास्टिक का उपयोग करने व अतिक्रमण करने के आरोप में दंडित किया गया। अभियान में कुल 1,700 रुपये जुर्माना वसूला गया।
ऋषि मांडवी जोन के अंतर्गत चितईपुर चौराहा से चुनार रोड तक अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया। जोनल अधिकारी इन्द्र विजय यादव के नेतृत्व में अतिक्रमण व होर्डिंग्स के खिलाफ कार्रवाई की गई। इस दौरान नाले पर रखी दुकानों और पन्नियों को हटाया गया तथा अतिक्रमण करने वालों से 14,100 रुपये जुर्माना वसूला गया।
नगर निगम ने घोषणा की है कि आगामी 12 जून को रामनगर जोन में बृहद अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया जाएगा। नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यदि नालों पर किए गए अतिक्रमण को स्वयं नहीं हटाया गया, तो नगर निगम द्वारा सख्ती से हटाया जाएगा और आर्थिक दंड भी लगाया जाएगा।