वाराणसी : राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य ने अस्पताल व बाल सुधार गृह की व्यवस्था देखी, बच्चों का जाना हाल
वाराणसी। उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य अनीता अग्रवाल ने बुधवार को जिला महिला चिकित्सालय व बाल सुधार गृह का निरीक्षण किया। इस दौरान व्यवस्थाएं देखीं। साथ ही बच्चों का हाल जाना।
उन्होंने अस्पताल के हर विभाग की व्यवस्था देखी। एसएनसीयू में भर्ती नवजात शिशु के देखभाल की व्यवस्था का अवलोकन किया। वहां मौजूद बाल रोग चिकित्सक डॉ. डीवी सिंह एवं डॉ.संजय मोहन गुप्ता से जानकारी ली। इसके पश्चात उन्होंने अल्ट्रासाउंड कक्ष, ओटी, सर्जिकल वार्ड, आयुष्मान वार्ड एवं लेबर रूम का भी निरीक्षण किया एवं व्यवस्था से संतुष्ट दिखीं। कुछ मरीजों से भी अस्पताल में मिल रही सुविधाओं, जैसे की इलाज, भोजन, स्टाफ के व्यवहार व अन्य सभी बिंदुओं पर जानकारी भी ली। सभी मरीजों ने भी व्यवस्था पर संतोष जताई। उन्होंने डॉक्टर्स के राउंड, ड्यूटी पर समय से उपस्थिति इत्यादि के बारे में जानकारी ली।
अस्पताल में स्थित जनऔषधि केंद्र का भी हाल जाना। हेल्प डेस्क, रजिस्ट्रेशन काउंटर, ओपीडी, पैथोलॉजी एवं आयुष्मान केंद्र को भी देखा। अस्पताल में बनाए गए एंबुलेंस कॉरिडोर एवं बहुत ही स्वच्छ कैंपस की भूरि-भूरि प्रशंसा की और अस्पताल में हो रहे उच्च स्तरीय इलाज व अनुशासन की भी तारीफ की। रैनबसेरा में सफाई, अलाव की व्यवस्था और सभी वार्ड में भी हीटर और कंबल की अच्छी व्यस्था देख, संतोष जताया। पीने का पानी, शौचालय, ऑक्सीजन प्लांट, जनरेटर इत्यादि, अस्पताल की हर क्षेत्र में उत्तम व्यवस्था व रखरखाव के लिए अति प्रसन्नता व्यक्त की। भविष्य में भी अच्छा कार्य करते रहने की सभी डॉक्टर्स और स्टाफ को हिदायत दी। निरीक्षण के दौरान मरीजों द्वारा दिया गया फीडबैक भी अच्छा था।
निरीक्षण के दौरान जिला महिला अस्पताल की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षिका डॉ.मनीषा सिंह सेंगर, एडिशनल सीएमओ, डॉ.एस एस कनौजिया एवं अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक, डॉ.अलका सिंह, डॉ.संजीव वर्मा, डॉ.राजेश्वर नारायण सिंह व मैट्रन सुषमा सिंह, सिस्टर दीपिका दयाल, प्रधान सहायक, जोगेंद्र सिंह उपस्थित रहे।
बच्चों का जाना हाल
आयोग की सदस्य रामनगर स्थित बाल सुधार गृह तथा बाल गृह पहुंची। सबसे पहले उन्होंने राजकीय बाल गृह बालक का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान संस्था के प्रभारी अधीक्षक सौरभ मौर्य तथा अन्य स्टाफ उपस्थित रहे। संस्था में 100 के सापेक्ष 27 बच्चे आवासित पाए गए। जिसमें से 10 बच्चे मानसिक मंदित तथा मूकबधिर श्रेणी के थे। आयोग की सदस्य की ओर से इन बच्चों को सामान्य बच्चों से अलग रखने हेतु निर्देश दिए गए। संरक्षण अधिकारी ने बताया कि मुख्य विकास अधिकारी तथा जिला प्रोबेशन अधिकारी के निर्देशन में संस्था तथा जिला बाल संरक्षण इकाई के स्टाफ द्वारा बच्चो की नियमित काउंसलिंग कर सबका पता ज्ञात कर उन सभी बच्चो को घर भेजने की कार्रवाई की गई है। निरीक्षण के दौरान सहायक अधीक्षक संजय मिश्रा तथा संस्था के अन्य कार्मिक उपस्थित रहे। यहां पर 75 की क्षमता के सापेक्ष 108 बच्चे निरुद्ध पाए गए।
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