वाराणसी : केदारघाट पर गंगोत्री सेवा समिति ने किया सैकड़ों जरूरतमंदों में कंबल वितरण
वाराणसी। कड़ाके की ठंड और शीतलहर के लगातार बढ़ते प्रभाव को देखते हुए केदारघाट स्थित गंगोत्री सेवा समिति द्वारा सोमवार को सराहनीय सामाजिक पहल के तहत निःशुल्क कंबल वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस सेवा कार्य का उद्देश्य घाट क्षेत्र में रहने वाले बेसहारा, असहाय, निर्धन लोगों एवं राहगीरों को ठंड से राहत प्रदान करना रहा। सुबह से ही घाट पर जरूरतमंदों की भीड़ जुटने लगी और समिति के सदस्यों ने व्यवस्थित ढंग से सभी को कंबल वितरित किए।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सामाजिक कार्यकर्ता कन्हैया त्रिपाठी उपस्थित रहे, जबकि विशिष्ट अतिथियों में गणेश प्रसाद पांडे, राजकुमार पांडे, पवन पांडे, आनंद प्रसाद दुबे, संतोष यादव, सुभाष यादव एवं अनूप यादव शामिल रहे। सभी अतिथियों ने स्वयं आगे बढ़कर जरूरतमंदों के बीच कंबल वितरित किए और समाज में मानव सेवा के प्रति जागरूकता का संदेश दिया।

गंगोत्री सेवा समिति के अध्यक्ष किशोरी रमन दुबे उर्फ बाबू महाराज ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ठंड के मौसम में खुले आसमान के नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों के लिए यह समय अत्यंत कष्टदायक होता है। ऐसे में समाज के सक्षम वर्ग का यह दायित्व बनता है कि वे जरूरतमंदों की सहायता करें। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत सैकड़ों लोगों को कंबल वितरित किए गए हैं और समिति आगे भी इसी तरह के सेवा कार्य निरंतर करती रहेगी।

उन्होंने यह भी कहा कि गंगोत्री सेवा समिति जनसेवा को अपना मुख्य उद्देश्य मानती है और समय-समय पर स्वास्थ्य शिविर, खाद्य वितरण, वस्त्र वितरण जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से समाज के कमजोर वर्गों तक मदद पहुंचाने का कार्य करती आ रही है। कार्यक्रम के दौरान समिति के सचिव दिनेश शंकर दुबे, प्रबंधक संदीप कुमार दुबे के साथ ही गोपाल सनी, पप्पू साहनी, रतन सनी, अमित साहनी, शंकर साहनी, नंदलाल सनी, प्रदीप साहनी सहित बड़ी संख्या में समिति के सदस्य एवं स्थानीय नागरिक मौजूद रहे, जिन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने में सक्रिय भूमिका निभाई।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथियों एवं अन्य गणमान्य लोगों को अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। कंबल प्राप्त करने वाले जरूरतमंदों के चेहरे पर राहत और संतोष साफ नजर आया। उन्होंने गंगोत्री सेवा समिति की इस मानवीय पहल की मुक्तकंठ से प्रशंसा करते हुए आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का समापन मानवता, सेवा और सहयोग के संकल्प के साथ किया गया।

