वाराणसी : फर्जी तरीके से बन गया दरोगा, फिंगर प्रिंट से पकड़ी गई धोखाधड़ी 

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वाराणसी। उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। गोरखपुर के पीपीगंज निवासी घनश्याम जायसवाल पर आरोप है कि वर्ष 2020-21 की दरोगा भर्ती परीक्षा में उसने स्वयं परीक्षा देने के बजाय किसी अन्य व्यक्ति को परीक्षा में बैठाया और गलत तरीके से चयनित होकर पुलिस विभाग में दरोगा बन गया। उसके खिलाफ मिर्जामुराद थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। 

मामले का खुलासा तब हुआ जब लखनऊ खंडपीठ के आदेश पर गठित उच्च स्तरीय समिति ने मामले की गहन जांच की। अंगुलि चिह्न (फिंगर प्रिंट) परीक्षण में पाया गया कि परीक्षा में उपस्थित व्यक्ति और बाद में नियुक्त अभ्यर्थी अलग-अलग हैं। फिंगर प्रिंट बायोमेट्रिक डेटा के आधार पर यह सिद्ध हो गया कि भर्ती प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा किया गया है।

पुलिस भर्ती बोर्ड के निरीक्षक सत्येंद्र कुमार की तहरीर पर मिर्ज़ामुराद थाने में आरोपित के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 419 (प्रतिरूपण), 420 (धोखाधड़ी), 467, 468, 471 (जालसाजी और जाली दस्तावेजों का प्रयोग) तथा सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

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