वाराणसी : गेहूं की कटाई के बाद ढैंचा के बीज का इंतजार कर रहे किसान
वाराणसी। चिरईगांव क्षेत्र के किसान गेहूं की कटाई के बाद खाली खेत में ढैंचा की बुआई की तैयारी में हैं। इससे हरी खाद बनती है और खेत की उर्वरा शक्ति बढ़ती है। हालांकि अभी तक राजकीय बीज गोदामों पर ढैंचा का बीज नहीं पहुंचा है। ऐसे में किसानों को इंतजार करना पड़ रहा।
खेती की घटती उर्वरता को बढ़ाने और रासायनिक उर्वरकों के उपयोग कम करने की सलाह कृषि सलाहकार हरी खाद के रुप में ढैंचा बोने की सिफारिश करते हैं। ढैंचा बोने के 45 दिन बाद जोतकर मिट्टी में मिलाने की बात करते हैं। मई माह का एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी बीज गोदामों पर ढैंचा बीज उपलब्ध नहीं हो पाया है।
शंकरपुर के रजिद्र यादव, जाल्हूपुर के प्यारे लाल, गौराकला के सहेन्द्र, कमौली के अनिल, पुरनपट्टी के सुरेन्द्र पाण्डेय आदि किसानों का कहना है कि ढैंचा बीज के लिए किसान बीज गोदाम चिरईगांव पर जा रहे हैं तो उनसे कहा जा रहा है कि अभी तक नहीं आया है। सहायक विकास अधिकारी कृषि डा. राजशेखर का कहना है कि अभी जिले पर ही ढैंचा बीज नहीं आया है। एक सप्ताह के अन्दर ढैंचा बीज आने की संभावना है।
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