वाराणसी :  पारंपरिक खेती छोड़ मल्टीक्रापिंग करें किसान, राज्य मंत्री ने दिया सुझाव 

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वाराणसी। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद भारत सरकार के उपमहानिदेशक डॉ. उधम सिंह गौतम के गौर (मिर्जामुराद) आवास पर उत्तर प्रदेश सरकार के स्टाम्प एवं न्यायालय शुल्क, पंजीयन विभाग मंत्री (राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार) रविंद्र जायसवाल पहुंचे। उन्होंने किसानों को धान-गेहूं की पारंपरिक खेती छोड़ मल्टीक्रापिंग का सुझाव दिया। इससे किसानों की आय में इजाफा होगा। 

उन्होंने कहा कि खेती में परिवर्तन लाने की आवश्कता है। हम सब को मल्टीक्रापिंग करने कि आवश्कता है। मेरा गांव मेरा गौरव के तहत हमें अपने गांव क्षेत्रो से निकलने वाले अद्भुत उत्पादों को देश के साथ साथ विश्व पटल पर लाना है। स्टाम्प मंत्री ने कृषि विज्ञान केंद्र वाराणसी के वैज्ञानिको से इंट्रीग्रेटेड फार्मिंग पर चर्चा की। कहा कि आबादी और घटती कृषि योग्य जमीन के दौर में इंटीग्रेटेड फार्मिंग कारगर साबित हो सकती है। इसमें खेती के साथ मछली और मुर्गी पालन करने से उनके लिए दाना पानी का इंतजाम हो जाता है। दलहनी फसलों से खेतों की उपजाऊ क्षमता बढ़ती और इसके बाद सब्जियां उगाने से अच्छी फसल होती है। इस तरीके से किसान अपने निजी इस्तेमाल के लिए भी अनाज व सब्जियां उगा लेते हैं और बाजार में बेचकर कमाई के लिए भी फसल पैदा कर लेते हैं। 

उन्होंने कहा कि कम जगह, कम खर्च और कम संसाधन में फसल उगाकर उन्हें बाजार में बेचने से किसानों को अच्छी आय प्राप्त होती है। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के सदस्य एचपी सिंह, कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक व अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र रघुवंशी, डॉ. राहुल सिंह, मुन्ना सिंह, अशोक मिश्रा, अखिलेश सिंह प्रगतिशील किसान कमलेश सिंह,  सुरेश यादव आदि लोग रहे।

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