वाराणसी :  स्वयं सहायता समूहों में उद्यमिता विकास, किसानों को सब्जी उत्पादन के लिए किया प्रेरित 

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वाराणसी। आराजी लाइन विकासखंड के शाहंशाहपुर स्थित भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान में सोमवार को कृषि व्यापार उद्भवन इकाई के तत्वावधान में एक दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विभिन्न एफ.पी.ओ., एफ.पी.सी. और स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को उद्यमिता विकास के लिए प्रेरित करना था।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. नागेंद्र राय ने संस्थान की उपलब्धियों और किसानों के उत्थान में इसके योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने किसानों से संस्थान के वैज्ञानिकों की विशेषज्ञता का लाभ उठाने का आह्वान किया और सब्जी उत्पादन के साथ-साथ गुणवत्ता युक्त बीज उत्पादन पर जोर दिया। डॉ. राय ने कहा कि सब्जियों का मूल्य संवर्धन, नर्सरी पौध उत्पादन, मशरूम उत्पादन और वर्मिकंपोस्टिंग जैसे क्षेत्रों में उद्यमिता से किसानों को आत्मनिर्भरता और सफलता प्राप्त होगी।

कार्यक्रम में संस्थान के विभिन्न विभागाध्यक्षों ने अपनी विशेषज्ञता साझा की। डॉ. अनंत बहादुर ने ग्राफ्टिंग तकनीक के माध्यम से उच्च गुणवत्ता वाले पौध तैयार करने की विधि समझाई, जबकि डॉ. राजेश कुमार ने सब्जियों के उच्च गुणवत्ता वाले बीज उत्पादन के महत्व पर विस्तार से चर्चा की। डॉ. कौशलेन्द्र कुमार पांडेय ने एकीकृत कीट और रोग नियंत्रण तकनीक पर जानकारी दी, जिससे किसान अपनी फसल सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।

डॉ. सुदर्शन मौर्य ने सब्जी बीज उत्पादन, मशरूम उत्पादन और वर्मिकंपोस्टिंग जैसी तकनीकों से उद्यमिता विकास के उपाय बताए। डॉ. नीरज सिंह ने फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी और स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से उद्यमिता विकास पर चर्चा की। इस कार्यक्रम में काशीराज एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी और अन्य कृषि उद्यमियों ने भाग लिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में यशपाल सिंह और प्रमोद कुमार सिंह सहित अन्य वैज्ञानिकों का विशेष योगदान रहा।

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