वाराणसी: भारतीय शिक्षा बोर्ड की परिचय सभा में इतिहास और वर्तमान शिक्षा प्रणाली पर चर्चा, मंडलायुक्त कौशल राज बोले – सिलेबस में शामिल हो आत्मनिर्भरता के सबक

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वाराणसी। भारतीय शिक्षा बोर्ड के ओर से मंडलायुक्त सभागार में आयोजित एक परिचय सभा में वाराणसी के स्कूलों के प्रधानाचार्य, उनके प्रतिनिधि और जिले के अधिकारी शामिल हुए। इस सभा में शिक्षा के उन्नयन और पाठ्यक्रम के प्रभावी कार्यान्वयन पर विस्तार से चर्चा की गई।

वाराणसी के मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारत का इतिहास गौरवशाली रहा है और इसे शिक्षा का अभिन्न हिस्सा बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, "पाठ्यक्रम में भारत के स्वतंत्रता संग्राम, गौरवशाली इतिहास, और आत्मनिर्भरता के सबक शामिल करने चाहिए। विद्यार्थियों को यह समझाने की जरूरत है कि किस प्रकार भारत ने विदेशी ताकतों के चंगुल से स्वतंत्रता पाई और इसे बनाए रखना क्यों आवश्यक है।"

वाराणसी: भारतीय शिक्षा बोर्ड की परिचय सभा में इतिहास और वर्तमान शिक्षा प्रणाली पर चर्चा, मंडलायुक्त कौशल राज बोले – सिलेबस में शामिल हो आत्मनिर्भरता के सबक

मंडलायुक्त ने इस बात पर भी जोर दिया कि इतिहास के कटु अनुभवों से सीख लेकर हमें आधुनिक समय में आर्थिक और सांस्कृतिक स्वतंत्रता को बनाए रखना चाहिए। उन्होंने ई-कॉमर्स ट्रेडिंग कंपनियों द्वारा भारत के व्यापार को प्रभावित करने के खतरों पर प्रकाश डालते हुए आत्मनिर्भरता और स्थानीय व्यापार के महत्व पर बल दिया।

सभा में उपस्थित प्रतिनिधियों ने शिक्षा प्रणाली में सुधार और इतिहास को पाठ्यक्रम में सम्मिलित करने के सुझाव दिए। गोष्ठी के दौरान प्राप्त विचारों और प्रस्तावों को एक रिपोर्ट के रूप में तैयार कर शिक्षा बोर्ड के माध्यम से सरकार को प्रस्तुत किया जाएगा।

इस अवसर पर मंडलायुक्त ने विद्यार्थियों को पाश्चात्य संस्कृति की अंधाधुंध नकल से बचाने और भारत के प्राचीन गौरव और मूल्यों को आत्मसात करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। गोष्ठी में बड़ी संख्या में शिक्षाविद, अधिकारी, और अन्य प्रतिनिधि उपस्थित रहे, जिन्होंने शिक्षा के माध्यम से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने पर अपने विचार व्यक्त किए।

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