वाराणसी: दुकानदारों को कोर्ट ने 10 दिन में किराया जमा कराने का दिया आदेश, सख्ती से मची खलबली 

वाराणसी: दुकानदारों को कोर्ट ने 10 दिन में किराया जमा कराने का दिया आदेश, सख्ती से मची खलबली 
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वाराणसी। उच्च न्यायालय ने बेनिया शापिंग कॉम्प्लेक्स के दुकानदारों को 10 दिनों के भीतर बकाया किराया जमा करने का आदेश दिया है। यदि दुकानदार निर्धारित अवधि में किराया जमा करने में विफल रहते हैं, तो वाराणसी नगर निगम उनके खिलाफ कोई भी वैधानिक कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र होगा। यह आदेश कोर्ट ने बेनिया शापिंग कॉम्प्लेक्स के दुकानदारों द्वारा तालाबंदी के खिलाफ दायर रिट याचिका को खारिज करते हुए 7 मई को पारित किया। इससे दुकानदारों में खलबली मची है। 

किराया वृद्धि और विवाद
बेनियाबाग स्थित नगर निगम के स्वामित्व वाले बेनिया शापिंग कॉम्प्लेक्स के दुकानदारों ने किराया वृद्धि का विरोध करते हुए बकाया किराया जमा नहीं किया। सदन/कार्यकारिणी के निर्णय के अनुसार, वाराणसी में सभी क्षेत्रों की दुकानों के किराए में व वृद्धि की गई थी, और अधिकांश दुकानदार क्यूआर कोड के माध्यम से प्रतिमाह किराया जमा कर रहे हैं। हालांकि, बेनिया शापिंग कॉम्प्लेक्स के दुकानदारों ने किराया वृद्धि का विरोध करते हुए भुगतान रोक दिया। नगर निगम ने मई 2024 और दिसंबर 2024 में नोटिस जारी किए, जनवरी में दुकानों पर क्यूआर कोड चस्पा किए, और 11 अप्रैल  को पुनः बकाया जमा करने का पत्र भेजा। दुकानदारों की अनुपालन में विफलता के बाद, नगर निगम ने 21 अप्रैल को कॉम्प्लेक्स पर तालाबंदी कर दुकानों को अपने कब्जे में ले लिया।

उच्च न्यायालय में याचिका
तालाबंदी के खिलाफ खालिद नसीर सहित सात दुकानदारों ने मा. उच्च न्यायालय में रिट याचिका (संख्या 14222/2025) दायर की। 7 मई 2025 को सुनवाई के बाद, न्यायालय ने याचिका खारिज कर दी और दुकानदारों को 10 दिनों के भीतर बकाया किराया जमा करने का आदेश दिया। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि यदि दुकानदार ऐसा करने में विफल रहते हैं, तो नगर निगम उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र होगा। नगर निगम की ओर से विद्वान अधिवक्ता विनीत शंकर ने प्रभावी पैरवी की।

नगर निगम की कार्रवाई
नगर निगम ने दुकानदारों को कई बार वार्ता के माध्यम से प्रकरण निस्तारित करने का अवसर दिया, लेकिन उनकी ओर से कोई सहयोग नहीं मिला। तालाबंदी के बाद, दुकानदारों ने अदालत का रुख किया, लेकिन उच्च न्यायालय के आदेश ने नगर निगम की कार्रवाई को उचित ठहराया। अब दुकानदारों के पास 10 दिनों का समय है, अन्यथा नगर निगम कठोर कदम उठा सकता है।

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