वाराणसी: जन्मजात कटे होंठ और तालू का इलाज संभव, सीएमएस ने आशा कार्यकर्ती को किया सम्मानित
वाराणसी: पं. दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय, वाराणसी के 50 शैय्या महिला चिकित्सालय में आशा कार्यकर्ती सुनीता पटेल की मदद से नंदिनी पटेल का सफल प्रसव कराया गया। नवजात शिशु जन्मजात दोष कटे होंठ और तालू (कॉन्जेनिटल डिफॉर्मिटी क्लेफ्ट लिप एंड क्लेफ्ट पालेट) से ग्रसित था। इसके निःशुल्क इलाज के लिए शिशु को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत संचालित स्माइल ट्रेन कार्यक्रम में जी.एस. मेमोरियल हॉस्पिटल, महमूरगंज, वाराणसी में पंजीकृत किया गया। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) डॉ. बृजेश कुमार ने दी।

सीएमएस ने बताया कि कटे होंठ और तालू एक जन्मजात दोष है, जिसमें बच्चे के होंठ या मुंह के तालू में दरार या छेद होता है। यह दोष आनुवंशिक कारणों, गर्भावस्था के दौरान कुछ दवाओं, वायरस या अन्य कारकों के कारण हो सकता है, जब होंठ और तालू के ऊतक शुरुआती गर्भावस्था में ठीक से नहीं जुड़ते। इस स्थिति में बच्चों को खाने, बोलने और सुनने में दिक्कत हो सकती है। इसका इलाज सर्जरी के माध्यम से संभव है, जिससे दरार को ठीक किया जाता है। इसके अलावा, वाक थेरेपी और अन्य उपचार भी दिए जा सकते हैं।

नवजात के माता-पिता, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं, अपने बच्चे की इस बीमारी से बहुत परेशान थे। निःशुल्क इलाज की सुविधा मिलने पर वे काफी खुश हुए। इस कार्य में महत्वपूर्ण योगदान के लिए आशा कार्यकर्ती सुनीता पटेल को सीएमएस ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

