वाराणसी : सेमिनार में बैंक आडिट पर हुई चर्चा, सीए ने दिए सुझाव
वाराणसी। दी इंस्टिट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ़ इंडिया की वाराणसी शाखा की ओर से शनिवार को कैंटोमेंट स्थित एक होटल में सेमिनार का आयोजन किया गया। इसमें बैंक आडिट पर विस्तार से चर्चा की गई। सीए ने अपने सुझाव दिए।
सेमिनार के मुख्य वक्ता ग़ज़िआबाद से आये सीए राघवेंद्र गोयल एवं एक्स डायरेक्टर,यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया सीए राजीव कुमार सिंह रहेI कार्यक्रम का शुभारम्भ शाखा अध्यक्ष सीए सौरभ कुमार शर्मा ने स्वागत भाषण से किया। इसके बाद सीए ज्ञानचन्द मिश्रा, CCM ICAI ने विचार रखे। कार्यक्रम की अध्यक्षता वाराणसी शाखा के वरिष्ठ सदस्य सीए विजय प्रकाश एवं पूर्व अध्य्क्ष सीए अजय कुमार मिश्रा, वाराणसी ब्रांच ऑफ़ सीआई आरसी ऑफ आईसीएआई ने किया।
कार्यकर्म के प्रथम सत्र के मुख्य वक्ता सीए राघवेंद्र गोयल ने बताया की बैंक शाखा ऑडिट चार्टर्ड एकाउंटेंट के ऑडिट अभ्यास के महत्वपूर्ण खंडों में से एक है। पिछले दशकों के दौरान बैंकों द्वारा प्रौद्योगिकी अपनाने में वृद्धि ने दोनों चुनौतियां पैदा की हैं और लेखा परीक्षकों के लिए अवसर। उन्होंने यह भी बताया कि इन चुनोतियों के लिए हमारी तैयारी किस प्रकार की होनी चाहिए। प्रथम सत्र का संचालन सीए श्रुति मिश्रा ने किया।
उन्होंने अपने सत्र में एलएफएआर के प्रश्नों को जवाब देते समय किन बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए, उसकी जानकारी दी। साथ ही यह भी बताया कि प्रश्नों के आधार पर चेक लिस्ट तैयार की जा सकती है वही तैयार टूल के रूप में मदद करेगी। लेखा परीक्षा दल द्वारा उस क्षेत्र का सत्यापन भी किया जाना चाहिए। प्रश्नों का उत्तर देते समय एलएफएआर लेखा परीक्षक को अपने विचारों में और बिंदु तक स्पष्ट उत्तर वर्णनात्मक होना चाहिए और हां/नहीं/लागू नहीं होना चाहिए। कार्यक्रम के प्रथम सत्र में धन्यवाद ज्ञापन शाखा सचिव सीए. वैभव मेहरोत्रा ने किया।
द्वितीय सत्र का संचालन सीए शिवांगी रूंगटा ने किया। कार्यक्रम शुभारम्भ शाखा उपाध्यक्ष सीए नीरज कुमार सिंह ने स्वागत भाषण से किया। द्वितीय सत्र के मुख्य वक्ता सीए. राजीव कुमार सिंह ने बतया कि (आईआरएसी नॉर्म्स.) IRAC nomrs बैंकों को अनुपयोज्य आस्तियों (एनपीए) की पहचान करने और विनियामक रिपोटग तथा बैंक की अपनी एमआईएस आवश्यकताओं, दोनों के लिए संबंधित आंकडे़/विवरणियां तैयार करने के लिए उपयुक्त सूचना प्रौद्योगिकी प्रणाली स्थापित करने की सलाह दी गई थी। यह देखा गया कि कई बैंकों में एनपीए की पहचान, आय की पहचान, प्रावधान और संबंधित रिटर्न के सृजन की प्रक्रियाएं अभी तक पूरी तरह से स्वचालित नहीं हैं।IRAC norms आरबीआई ने जारी किया। द्वितीय सत्र के अंत में धयन्वाद ज्ञापन शाखा कोषाध्यक्ष सीए विकास द्विवेदी ने किया।
कार्यक्रम में शाखा सिकासा अध्यक्ष सीए सोम दत्त रघु, पूर्व अध्यक्ष सीए अनिल कुमार अग्रवाल, सीए जमुना शुक्ला, रश्मि केसरवानी, अभय यादव, सुधीर नारायण सिंह, अलोक शिवाजी, मनोज अग्रवाल, राहुल सिंह, सुकान्त राय, शिशिर उपाध्याय, रवि कुमार सिंह, रविंद्र मोदी, अमित कुमार गुप्ता, मुकुल शाह आदि उपस्थित रहे।
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