वाराणसी : 14 वर्षों से वनवास के बाद भइया भरत से मिले प्रभु श्रीराम, गिरजाघर चौराहे पर हुआ भरत मिलाप
वाराणसी। महादेव की नगरी काशी का भरत मिलाप पूरी दुनिया में विख्यात है। नाटी इमली के साथ ही शहर में जगह-जगह भरत मिलाप की लीला होती है। शुक्रवार की शाम गिरजाघर चौराहे पर भरत मिलाप हुआ। 14 वर्षों के वनवास के बाद राम के अयोध्या लौटने के बाद चारों भाइयों का मिलन हुआ। पंडित प्रकाश दुबे की मौजूदगी में चारों भाइयों के मिलन की लीला का मंचन किया गया। इस अलौकिक दृश्य को देखकर लोग भावविभोर हो गए।
गिरजाघर चौराहे पर भरत मिलाप की लीला का मंचन वर्षों पहले से किया जा रहा है। इसलिए पूर्व नियोजित कार्यक्रम के अनुसार इस बार राम-भरत के मिलाप की लीला का मंचन किया गया। राम और लक्ष्मण 14 वर्षों का वनवास समाप्त होने के बाद अयोध्या पहुंचते हैं। पहले से ही भरत और शत्रुघ्न उनकी आगवानी में मौजूद रहते हैं। राम व लक्ष्मण को देखकर भरत और शत्रुघ्न दौड़ पड़ते हैं और प्रभु श्रीराम के चरणों में गिर जाते हैं।
इस अलौलिक क्षण को देखने के लिए पहले से ही काफी संख्या में लोग जुटे हुए थे। चारों भाइयों का मिलन होते ही वातावरण जय श्रीराम के उद्घोष से गूंज उठा। इस दौरान पुलिस प्रशासन अलर्ट रहा। एसीपी दशाश्वमेध अवधेश पांडेय और लक्सा थाना प्रभारी बैजनाथ सिंह अपनी टीम के साथ मुस्तैद रहे।
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