वाराणसी : रहस्यमय ढंग से लापता सब्जी विक्रेता उज्जैन से सकुशल बरामद, जंसा पुलिस ने सुलझाया मामला

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वाराणसी। थाना जंसा क्षेत्र से रहस्यमय तरीके से अचानक गायब हुए सब्जी विक्रेता राज सिंह पाल को जंसा पुलिस ने उज्जैन (मध्य प्रदेश) से सकुशल बरामद कर लिया है। पुलिस की सक्रियता, सर्विलांस और लगातार मॉनिटरिंग के चलते चार दिन के भीतर इस गुमशुदगी का सफल खुलासा हो सका, जिससे परिजनों ने राहत की सांस ली है।

15 दिसंबर को अचानक हुआ था लापता
ग्राम सिहोरवा निवासी राज सिंह पाल उर्फ राजपाल, पुत्र स्वर्गीय आनंद कुमार पाल, कुरौना बाजार में सब्जी की दुकान चलाता है। वह 15 दिसंबर 2025 को रहस्यमय परिस्थितियों में अचानक लापता हो गया था। परिजनों द्वारा काफी तलाश के बावजूद उसका कोई सुराग नहीं मिल सका था। इस दौरान उसकी टीवीएस मोपेड बाइक सरौना अंडरपास, सजोई के पास से बरामद हुई थी, जिससे मामला और भी संदिग्ध हो गया था।

भाई की तहरीर पर दर्ज हुई गुमशुदगी
गुमशुदा के भाई बबलू पाल की तहरीर पर थाना जंसा पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर मामले की जांच शुरू की। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए पुलिस उपायुक्त गोमती ज़ोन आकाश पटेल ने तत्काल संज्ञान लिया और सहायक पुलिस आयुक्त राजातालाब के नेतृत्व में एक विशेष पुलिस टीम गठित कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। पूरे मामले की लगातार निगरानी पुलिस उपायुक्त स्तर से की जा रही थी।

सीसीटीवी और सर्विलांस से मिली अहम जानकारी
गठित पुलिस टीम ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले, आसपास के लोगों से पूछताछ की और सर्विलांस की मदद से लगातार खोजबीन जारी रखी। जांच के दौरान यह तथ्य सामने आया कि राज सिंह पाल ने पूर्व में कई लोगों से आर्थिक लेन-देन के तहत धनराशि ली थी। साथ ही उसके निजी जीवन से जुड़े कुछ पहलुओं की भी जानकारी पुलिस को मिली, जिसके आधार पर आर्थिक और व्यक्तिगत कारणों को केंद्र में रखकर जांच आगे बढ़ाई गई।

उज्जैन से सकुशल बरामद, पुलिस को मिली सफलता
इसी क्रम में 19 दिसंबर 2025 को सर्विलांस के माध्यम से राज सिंह पाल की लोकेशन उज्जैन (मध्य प्रदेश) में मिली। इसके बाद उज्जैन पुलिस के सहयोग से उसे सकुशल बरामद कर लिया गया। बाद में थाना जंसा पुलिस टीम उसे वाराणसी लेकर आई, जहां आवश्यक विधिक कार्रवाई की जा रही है।

पूछताछ में सामने आई गुमशुदगी की असली वजह
पुलिस पूछताछ में राज सिंह पाल ने बताया कि वह पिछले करीब दो वर्षों से ऑनलाइन एप्लीकेशन में निवेश कर रहा था, जिसमें उसे लगभग 8 से 9 लाख रुपये का नुकसान हो गया। इस नुकसान की भरपाई के लिए उसने कई लोगों से उधार लिया था। जब भाई और कर्ज देने वाले लोग उससे पैसे की मांग करने लगे तो वह अत्यधिक मानसिक दबाव में आ गया।

कर्ज से बचने के लिए रची थी खुद के गायब होने की योजना
मानसिक दबाव और भय के चलते उसने खुद को लोगों से बचाने के लिए एक योजना बनाई। दुकान से लौटते समय उसने अपनी मोटरसाइकिल रास्ते में छोड़ दी और बिना किसी को बताए उज्जैन चला गया। संपर्क से बचने के लिए उसने अपने मोबाइल फोन से सिम कार्ड निकालकर फेंक दिया, ताकि कोई उससे संपर्क न कर सके।

ट्रेन से किया था शहर दर शहर सफर
राज सिंह पाल ने पुलिस को बताया कि वह चौखंडी से ट्रेन पकड़कर मड़ुवाडीह पहुंचा, वहां से लखनऊ गया और नया सिम कार्ड खरीदकर अपने मोबाइल में लगाया। इसके बाद वह उज्जैन चला गया, जहां आखिरकार पुलिस ने उसे खोज निकाला।

पुलिस की तत्परता से टली अनहोनी
जंसा पुलिस की तत्परता, तकनीकी संसाधनों के सही इस्तेमाल और निरंतर निगरानी के चलते एक संभावित गंभीर घटना टल गई। पुलिस की इस कार्रवाई की क्षेत्र में सराहना हो रही है, वहीं परिजनों ने भी राज सिंह पाल के सकुशल मिलने पर पुलिस का आभार जताया है।

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