वाराणसी : यू-ट्यूब देखकर बना दी देवी की भव्य प्रतिमा, लोगों को मंत्रमुग्ध कर रही बच्चों की कलाकारी

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वाराणसी। धर्म और आध्यात्म की नगरी काशी की नवरात्रि भी खास होती है। यहां मिनी बंगाल भी बसता है। वाराणसी के दो बच्चों ने यू-ट्यूब देखकर देवी की भव्य प्रतिमा तैयार कर दी। बच्चों की कलाकारी सभी को मंत्रमुग्ध कर रही है। हर कोई उनकी प्रतिमा की सराहना कर रहा है। 

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इस समय सोशल मीडिया का समय चल रहा है। बच्चे भी सोशल मीडिया देखकर सिर्फ गलत कार्य ही नहीं, अच्छे कार्य भी करते हैं। कुछ ऐसे ही बानगी छित्तुपुर क्षेत्र में देखने को मिली। बता दें कि मूर्तिकार गुथी हुई मिट्टी से प्रतिमा को आकार देते हैं। इसमें कुछ ऐसे भी हैं जिनकी कलाकारी लोगों को मंत्रमुग्ध कर देती है।

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पुआल बास पेंट से तैयार हुई मां दुर्गा की सबसे खूबसूरत प्रतिमा छित्तूपुर के दो बालक बनाते हैं। सड़क मार्ग से सटे हुए प्रतिमा बनाकर रखी हुई है। इससे आते-जाते लोगों की नजर इस प्रतिमा पर पड़ जा रही। लोग अद्भुत प्रतिमा के दर्शन कर मंत्रमुग्ध हो जा रहे। वहीं बच्चों की प्रतिभा को भी सराह रहे हैं। बच्चों ने मां दुर्गा के अलावा महिषासुर, भगवान गणेश, माता लक्ष्मी, सरस्वती और कार्तिकेय की प्रतिमा भी इसी से तैयार हुई है।

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मूर्ति बनाने वाले 12 वर्षीय श्रेयांश ने बताया कि वह यूट्यूब से देखकर बिना फ्रेम, सांचा के ऐसी मूर्ति बनाता है। जब श्रेयांश के पास पहुंची तो उनके आसपास रहने वाले लोग काफी उत्साहित दिखे और सभी ने कहा कि श्रेयांश और उसके भाई की यह कलाकारी है जो बिना किसी मदद के पिछले पाच सालों से इसी तरह दुर्गा जी की प्रतिमा को तैयार कर रहे हैं।

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बता दें की प्रतिभा गरीबी की मोहताज नहीं होती। पिताजी छोटी सी गोलगप्पे की दुकान चलाते हैं परंतु उनका बालक कुछ अलग कर रहा है जिसको देखकर लोग उसके पास खींचे चले आते हैं। श्रेयांश व उसका भाई साल भर जो जेब खर्च मिलता है, उसे इकट्ठा कर प्रतिमा बनाते हैं। मूर्ति इतनी भव्य बनाता है कि लोगों की निगाहें टिक जाती है। बिना फरमा का प्रयोग किए यह बालक जो मूर्ति बनाता है तो लगता ही नहीं है कि इसमें फरमा का प्रयोग नहीं किया होगा। 

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श्रेयांश ने बताया कि लगभग चार-पांच साल से प्रतिमा बनाने का काम कर रहा है। उसने माता दुर्गा के साथ ही मां सरस्वती, माता लक्ष्मी, गणेश कार्तिक, महिषासुर राक्षस और उनके वाहन भी बनाए हैं। मूर्ति को बनाने में 30 दिनों का समय लगा है। पड़ोस में रहने वाली बेबी कुशवाहा ने बताया कि यह दोनों बालक पिछले कई सालों से विभिन्न प्रकार की मूर्तियां बनाते हैं। जिन्हें भी मूर्ति की आवश्यकता होती है, उन्हें यह सिर्फ लागत लेकर मूर्तियां बनाकर दे देते हैं। लोगों से किसी भी प्रकार का पारिश्रमिक नहीं लेते हैं। पहले यह दोनों बालक छोटी-छोटी मूर्तियां बनाते थे। समय के साथ-साथ यह दोनों बालक बड़े मूर्तियां बनाने लगे हैं। इस बार लगभग 12 फुट की देवी दुर्गा की प्रतिमा बनाई है। बालकों ने भोलेनाथ, दुर्गा प्रतिमा, माता लक्ष्मी, गणेश प्रतिमा, माता काली सहित अन्य विभिन्न प्रकार की प्रतिमाएं बनाई हैं।

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