वाराणसी : सिंघारा कार्यक्रम में सजी राजस्थानी संस्कृति, ‘गणगौर आपणी धरोहर’ की भव्य प्रस्तुति से मोहा मन 

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वाराणसी। श्री गवरजा माता उत्सव समिति के तत्वाधान में महमूरगंज स्थित शुभम लान में आयोजित सिंघारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें राजस्थानी व हरियाणवी समुदाय की लगभग दो सौ महिलाओं और बच्चों ने ‘गणगौर आपणी धरोहर’ की भव्य और मनोहारी प्रस्तुति दी। इस आयोजन में पारंपरिक राजस्थानी संस्कृति और लोक नृत्यों की झलक देखने को मिली, जिससे संपूर्ण वातावरण गणगौर महोत्सव के उल्लास से सराबोर हो गया।

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कार्यक्रम का शुभारंभ सायंकाल 5 बजे आईआईए के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आरके चौधरी, अखिल भारतीय माहेश्वरी महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री अजय काबरा, संस्था के अध्यक्ष दीपक बजाज, मंत्री पवन कुमार अग्रवाल, संरक्षक उमाशंकर अग्रवाल, शंकरलाल सोमानी, पवन मोदी, बृजमोहन मूंदड़ा, राजकुमार कोठारी, मांगीलाल सारडा, लोकेन्द्र करवा, सुरेश तुलस्यान, जेठमल चाण्डक, वेदमूर्ति शास्त्री, अनुप सराफ, बैजनाथ भालोटिया, राजेश तुलस्यान, मदनमोहन पोद्दार सहित राजस्थानी समाज के विभिन्न संगठनों के अध्यक्षों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।

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समिति के अध्यक्ष दीपक बजाज ने स्वागत भाषण में कहा कि गणगौर उत्सव केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि यह हमारी समृद्ध संस्कृति, परंपरा, प्रेम और श्रद्धा का प्रतीक है। यह त्यौहार विवाहित महिलाओं और अविवाहित युवतियों द्वारा विशेष श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाता है। समिति के मंत्री पवन कुमार अग्रवाल ने कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डाला।

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इस अवसर पर समिति द्वारा सभी अतिथियों को अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। समिति के संरक्षक उमाशंकर अग्रवाल और लोकेन्द्र करवा ने भी गणगौर पर्व के महत्व पर अपने विचार रखे। मुख्य अतिथि आर. के. चौधरी और अजय काबरा ने समिति को पिछले 70 वर्षों से इस भव्य धार्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजन को बनाए रखने के लिए बधाई दी और गणगौर एवं सिंधारा पर्व की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कार्यक्रम की सराहना की।

सांस्कृतिक कार्यक्रम की मनमोहक प्रस्तुतियां
दीप प्रज्ज्वलन के पश्चात, मंचासीन सभी अतिथियों द्वारा गणेश जी एवं मां गणगौर के चरणों में पुष्पांजलि अर्पित की गई। सह-संयोजिकाओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना से हुई, जिसे यशस्वी सुरेका, भूमि अग्रवाल, आर्या तुलस्यान, अनन्या लोहिया, परी तुलस्यान, श्रेया, निष्ठा, एंजल और खुशाली ने प्रस्तुत किया। पूरा सभागार ‘गणपति बप्पा मोरया’ के जयघोष से गूंज उठा।

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इसके अलावा, कालबेलिया, कठपुतली और अन्य पारंपरिक राजस्थानी नृत्य भी प्रस्तुत किए गए। इन कार्यक्रमों में श्वेता अग्रवाल, स्वाति, गरिमा, सलोनी, कृतिका, पूजा, दीपा, प्रियंका, कोमल तुलस्यान, प्राची, रश्मि, नूपुर, अनीता, अर्पिता, मेघना अग्रवाल, दुर्गा, परी तुलस्यान, मानवी, गरिमा, शीतल, नेहा, प्रीति, श्रुति सहित लगभग 200 महिलाओं और युवतियों ने भाग लिया।

कार्यक्रम में प्रतिभागियों को समिति द्वारा पुरस्कार प्रदान किए गए। संचालन पवन कुमार अग्रवाल, श्रद्धा अग्रवाल, ऋतु धूत, प्रीति खेमका और प्रीति मंत्री ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन अजय खेमका ने किया। आयोजन को सफल बनाने में महेश चौधरी, गौरव राठी, कृष्ण कुमार काबरा, यदु देव अग्रवाल, विजय मोदी, अनुज डीडवानिया, रवि अग्रवाल, श्याम बजाज, गोपाल कृष्ण अग्रवाल, दीपक महेश्वरी, किशन सिनथोलिया, मदनमोहन अग्रवाल और आनंद लड़ियां का विशेष योगदान रहा।

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