काशी में कला और भक्ति का अनूठा संगम: नवदुर्गा चित्रकला प्रदर्शनी में महिला चित्रकारों ने मां के नौ स्वरूपों को कैनवास पर उकेर

वाराणसी। चैत्र नवरात्र के पवित्र अवसर पर वाराणसी में कला और आस्था का एक अनुपम मिलन देखने को मिला। पुण्यं फाउंडेशन द्वारा आयोजित "नवदुर्गा चित्रकला प्रदर्शनी" में माँ दुर्गा के नौ स्वरूपों को नौ प्रतिभाशाली महिला चित्रकारों ने अपने भावमयी चित्रों के जरिए साकार किया। यह एक दिवसीय सामूहिक चित्रकला प्रदर्शनी संकट मोचन परिसर में स्थित कला आलयम में आयोजित हुई।
प्रदर्शनी का उद्घाटन प्रख्यात चित्रकार प्रोफेसर एस. प्रणाम सिंह ने किया। इस अवसर पर भारत कला भवन के सेवानिवृत्त कलाविद व कला आलयम के निदेशक डॉ. राधाकृष्णन गणेशन और गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर, अंतरराष्ट्रीय चित्रकार व लेखिका डॉ. नेहा सिंह विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुईं। डॉ. नेहा सिंह पुण्यं फाउंडेशन की संस्थापक भी हैं।
पुण्यं फाउंडेशन का यह आयोजन कला को महज अभिव्यक्ति तक सीमित नहीं रखता, बल्कि इसे परंपरा और आधुनिकता को जोड़ने वाले सेतु के रूप में पेश करता है। संस्था का लक्ष्य उभरते कलाकारों को अवसर प्रदान कर भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करना और भावी पीढ़ी को प्रेरित करना है।
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डॉ. नेहा सिंह ने कहा, "यह प्रदर्शनी केवल चित्रों का प्रदर्शन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक यात्रा है, जो कलाकारों की श्रद्धा और सृजनशीलता का सुंदर मेल है।" उन्होंने आगे बताया कि पुण्यं फाउंडेशन भविष्य में भी ऐसे आयोजनों के जरिए कला और भक्ति के इस अनूठे संयोग को व्यापक स्तर पर लोगों तक पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध रहेगा।
प्रदर्शनी में आए दर्शकों ने माँ दुर्गा के नौ रूपों की अलौकिक सुंदरता और चित्रकारों की कलात्मक प्रतिभा की जमकर तारीफ की। इस तरह के आयोजन इस बात को रेखांकित करते हैं कि काशी न केवल धर्म और अध्यात्म की नगरी है, बल्कि कला के क्षेत्र में भी एक मजबूत पहचान रखती है।