जागृति फाउंडेशन के तत्वाधान में काशी में वीरांगना लक्ष्मीबाई की स्मृति में हुआ दीपदान
वाराणसी। जागृति फाउंडेशन के तत्वाधान में वीरांगना लक्ष्मीबाई की 188 वीं जयंती की पूर्व संध्या पर शनिवार को भवैनी स्थित उनकी जन्मस्थली पर दीपदान कर उनके अमर गाथा को याद किया किया गया। दो दिवसीय समारोह का शुभारंभ मुख्य अतिथि साहित्यकार डॉ. जयप्रकाश मिश्र, विशिष्ट अतिथि समाजसेवी सीपी जैन एवं जागृति फाउंडेशन के महासचिव रामयश मिश्र ने संयुक्त रूप से वीरांगना की स्मृति में दीपक जलाकर किया।
काशी हिंदू विश्वविद्यालय में कला संकाय की छात्रा निधि बिन्द व झांसी से आए छात्र अक्षत, हर्ष सेठ व अरिहंत जैन ने भी वीरांगना को दीप जलाकर अपनी भावांजलि अर्पित की। इसके पश्चात जागृति फाउंडेशन के महासचिव रामयश मिश्र के संयोजन मे वीरांगना की जन्म स्थली दीपों से जगमगा उठी।
इस अवसर पर डॉक्टर जयप्रकाश मिश्र ने कहा कि खूब लड़ी मर्दानी वो तो झांसी वाली रानी थी। लेकिन वह काशी की बेटी थी और हमारा फर्ज बनता है कि हम अपनी बेटी को उसकी वीरता के लिए याद करें। वहीं जागृति फाउंडेशन के महासचिव रामयश मिश्र ने कहा कि देश की प्रथम महिला वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई ने स्वतंत्रता की लड़ाई में अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिए और अंग्रेजों को देश छोड़कर भागना पड़ा आज उनकी जयंती की पूर्व संध्या पर हम उनको अपनी श्रद्धांजलि दे रहे हैं।
समाजसेवी सीपी जैन ने कहा कि वीरांगना की जन्मस्थली का और वृहद स्तर पर सुंदरीकरण होना चाहिए। वही जागृति फाउंडेशन के महासचिव रमेश मिश्र ने प्रधानमंत्री मोदी से अपील की कि वह वीरांगना के नाम पर एक ट्रेन चलाएं। कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन रामयश मिश्र ने किया तथा धन्यवाद सत्यांशु जोशी मिश्र ने किया। इस अवसर पर सुरेंद्र जैन, सोनू, हरीनाथ गौड़ आदि उपस्थित थे।
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