महाश्मशान पर सम्मान के साथ जलाए जाएंगे लावारिस शव, होगी विशेष व्यवस्था
वाराणसी। महाश्मशान मणिकर्णिका व हरिश्चंद्र घाट पर लावारिस शवों को भी अब सम्मान के साथ जलाया जाएगा। इसके लिए विशेष व्यवस्था होगी। वहीं अंतिम संस्कार के बाद प्लेटफार्म से ही आसानी से अस्थियां भी मिल जाएंगी। मणिकर्णिका व हरिश्चंद्र घाट पर एक सप्ताह के अंदर निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। परियोजना को एक साल में मूर्त रूप दिया जाएगा।
मणिकर्णिका व हरिश्चंद्र घाटों पर फिलहाल मलबा हटाने का काम चल रहा है। जल्द ही पाइलिंग की जाएगी। इसके लिए अत्याधुनिक मशीनें नावों के जरिये लाई जा रही हैं। मणिकर्णिका घाट के विकास कार्य में 18 करोड़ रुपये खर्च होंगे। भूतल का कुल क्षेत्रफल 29350 वर्ग फीट और दाह संस्कार का क्षेत्रफल 12250 वर्ग फीट है।
प्रथम तल 20200 वर्ग फीट और दाह संस्कार का क्षेत्रफल 9100 वर्ग फीट होगा। इसी प्रकार हरिश्चंद्र घाट के विकास पर 16.86 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह क्षेत्र 13250 वर्ग फीट में होगा। इसमें दाह संस्कार का क्षेत्र 6200 वर्ग फीट निर्धारित किया गया है। इस घाट पर पंजीकरण के अलावा सामुदायिक वेटिंग क्षेत्र, शौचालय, रैंप आदि का निर्माण कराया जाएगा।
भूतल पर पंजीकरण कक्ष, नीचे के खुले में दाह संस्कार के 19 वर्ष, लकड़ी भंडारण क्षेत्र, सामुदायिक प्रतीक्षा कक्ष, दो सामुदायिक शौचालय, अपशिष्ट ट्रालियों का स्थापन, मुंडन क्षेत्र होगा। निर्माण के बाद शवदाह के लिए घाट पर आने वाले लोगों के लिए काफी सहूलियत होगी।
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