गुरु पूर्णिमा पर तुलसी मंदिर में पूजित हुई तुलसीदास की चरण पादुका, भक्तों ने गुरु पद पर विश्वम्भर नाथ मिश्रा का किया माल्यार्पण
इसके पश्चात वह मंदिर में गोस्वामी जी द्वारा स्थापित भगवान श्रीराम, श्री हनुमान जी सहित देव विग्रहों का पूजन अर्चन किया। काशी सहित दूर-दूर से आए भक्तों ने पूज्य गुरु विश्वम्भर नाथ मिश्रा का विधि विधान से पूजा शुरु किया। भक्तों ने गुरु का माल्यार्पण किया आरती उतारी और उनके चरणों का रज अपने सर पर लगाकर उनसे आशीर्वाद लिया।
इस अवसर पर गोस्वामी तुलसीदास अखाड़ा के महंत ने कहा कि काशी में गुरु शिष्य परंपरा अनादि काल से चली आ रही है। गुरु पूर्णिमा पर शिष्यों द्वारा अपने गुरुओं का पूजा अर्चन किया जाता है। संसार में गुरु ही एक ऐसा है, जो अपने शिष्य की हमेशा भलाई चाहता है। यहां तक कि वह अपने पुत्र से बढ़कर अपने शिष्य को मानता है और सच्चा गुरु वही है, जो अपने शिष्य के दुर्गुणों का हरण कर उसमें गुण डालकर उसे सही मार्ग दिखाए। तुलसी मंदिर में गुरु का पूजा करने के लिए काशी सहित पूर्वांचल एवं देश के अन्य प्रदेशों से भी काफी संख्या में शिष्य आए हुए थे।
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