‘मृत शैया पर चित्र बनाकर अमर हो गए पंडित वेद प्रकाश मिश्र’ वरिष्ठ चित्रकार को दी गई श्रद्धांजलि, असि में भावुक हुआ माहौल
समारोह का शुभारंभ महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के दृश्य कला संकाय के विभागाध्यक्ष सुनील विश्वकर्मा, लोक भूषण सम्मान से सम्मानित डॉ. जयप्रकाश मिश्रा और जागृति फाउंडेशन के महासचिव रामयश मिश्र ने पंडित वेद प्रकाश मिश्र के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित कर किया। इस दौरान माहौल बेहद भावुक हो गया, जब स्वर्गीय मिश्र के एक वर्षीय पौत्र नील माधव ने अपने बाबा के चित्र पर माला पहनाई। यह दृश्य देखकर उपस्थित लोगों की आंखें नम हो गईं।

कला में अद्वितीय योगदान
इस अवसर पर अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए सुनील विश्वकर्मा ने कहा, "पंडित वेद प्रकाश मिश्र मेरे गुरु थे और आज जो कुछ भी मैं हूं, वह उन्हीं की देन है।" उन्होंने बताया कि मिश्र जी डॉट पेन कला में पारंगत थे, जो बेहद कठिन और एकाग्रता की मांग करने वाली विधा है। उन्होंने भगवान राम, मां गंगा और काशी के घाटों की अद्भुत चित्रकारी की, जिसके लिए उन्हें फ्रांस सरकार ने सम्मानित किया था। मिश्र जी ने अपनी अंतिम सांस तक, अस्पताल के बेड पर भी डॉट पेन से चित्र बनाना जारी रखा।
संवेदनशील और धार्मिक व्यक्तित्व
डॉ. जयप्रकाश मिश्रा ने कहा कि पंडित वेद प्रकाश मिश्र न केवल एक महान कलाकार थे, बल्कि एक सरल और जीवंत व्यक्तित्व के धनी थे। जागृति फाउंडेशन के महासचिव रामयश मिश्र ने बताया कि उनकी कलाकृतियों में भगवान राम, मां गंगा और कृष्ण-राधा जैसे धार्मिक विषय प्रमुख रहे। गंगा के प्रति उनकी संवेदनशीलता उनकी कला में झलकती थी, जिसमें वह प्रदूषण की समस्या को उजागर करते थे।
स्मृतियां हमेशा रहेंगी जीवंत
पंडित धर्म प्रकाश मिश्र ने कहा, "भले ही आज पंडित वेद प्रकाश मिश्र हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी कलाकृतियां उन्हें हमेशा जीवंत रखेंगी।" कवि नागेश शांडिल्य ने अपनी कविता के माध्यम से उन्हें श्रद्धांजलि दी।
कार्यक्रम का संचालन रामयश मिश्र ने किया। अतिथियों का स्वागत शांतनु मिश्र और धन्यवाद ज्ञापन योगी विनय प्रकाश मिश्र ने किया। इस अवसर पर कृपा शंकर मिश्र, सूर्यकांत त्रिपाठी, सार्थक मिश्र, सिद्धांत मिश्र समेत काशी के कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
पंडित वेद प्रकाश मिश्र: एक अमिट विरासत
पंडित वेद प्रकाश मिश्र के जीवन और उनकी कला का योगदान न केवल काशी बल्कि कला जगत के लिए अमूल्य धरोहर है। उनके जैसे संवेदनशील और कुशल कलाकार की यादें हमेशा प्रेरणा देती रहेंगी।

