भारत रत्न बाबा भीमराव अंबेडकर का मनाया गया परिनिर्वाण दिवस, गुरूधाम मंदिर में दी गई श्रद्धांजलि

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वाराणसी। भेलूपुर थाना क्षेत्र के गुरुधाम मंदिर परिसर में 6 दिसंबर को भारत रत्न बाबा भीमराव अंबेडकर की 67वीं परिनिर्वाण दिवस मनाया गया। गुरु धाम मंदिर परिसर के कर्मचारियों ने बाबा भीमराव अंबेडकर के चित्र पर पुष्पांजलि देकर उन्हें नमन किया। इस दौरान उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुये उनके जीवन संघर्षों को याद किया गया।वही उनके शिक्षा,सामाजिक,धार्मिक, आर्थिक,न्यायायिक योगदान पर चर्चा की गयी। 
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इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर 32 डिग्रियो के साथ 9 भाषाओं के जानकार थे। लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में मात्र 2 साल 3 महीने में उन्होंने 8 साल की पढ़ाई पूरी की। वह लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से 'डॉक्टर ऑल साइंस' नामक एक दुर्लभ डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त करने वाले दुनिया के पहले और एकमात्र व्यक्ति हैं। वह आधुनिक भारत के निर्माता थे। बाबा साहेब आंबेडकर ने कहा था कि छुआछूत गुलामी से भी बदतर है। उन्होंने देश से छुआछूत हटाने के काफी प्रयास किए। उन्होंने दलित उत्थान के लिए मुकनायक, बहिष्कृत भारत, समता, प्रबुद्ध भारत और जनता जैसी पांच पत्रिकाएं निकालीं।
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 उन्होंने कहा कि बाबा साहब की यह सोच थी कि महिलाओं की उन्नति तभी हो सकती है। जब उन्हें घर परिवार समाज सभी जगह समान दर्जा और अवसर मिले शिक्षा और संपत्ति में अधिकार उन्हें सामाजिक बराबरी दिलाने में मददगार साबित होगा इसके लिए उन्होंने देश के पहले कानून मंत्री के रूप में हिंदू समाज में क्रांतिकारी सुधार लाने के लिए हिंदू कोड बिल लोकसभा में पेश किया। समता मूलक समाज का निर्माण संविधान और डॉ आंबेडकर के विचारों के रास्ते पर चल कर होता है। इस दौरान इंजीनियर कृषि सिंह पटेल अशोक कुमार लखन नीरज ललित कुमार प्रेम कुमार कुमार आनंदपाल सोहन मौर्य सरस्वती देवी मिथुन पासवान राजू सहित आदि लोग उपस्थित रहे।
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