थ्रंबोलिसिस प्रक्रिया से असहाय व्यक्ति की बचाई जान, सीने में तेज दर्द बना था जानलेवा

Varanasi
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वाराणसी। जनपद में स्वास्थ्य विभाग और आईसीएमआर के सहयोग से संचालित किए जा रहे स्टेमी केयर प्रोजेक्ट हृदयाघात रोगियों के लिए वरदान साबित हो रहा है। बीते बुधवार को दशाश्वमेघ घाट स्थित भूतेश्वर गली निवासी 34 वर्षीय राजेश कुमार को सुबह अचानक सीने में तेज दर्द होने पर वह किसी तरह भेलूपुर स्थित स्वामी विवेकानंद राजकीय चिकित्सालय पर पहुंचे। यहाँ अधीक्षक डॉ. क्षितिज तिवारी, डॉक्टर रोहित कुमार सोनी व फार्मासिस्ट जय प्रकाश ने मरीज की तुरंत जांच प्रक्रिया शुरू की। 

ईसीजी जांच की तो पता चला कि हृदय की एक नस ब्लॉक हो गई है। इसको थ्रंबोलिसिस प्रक्रिया से ही बचाया जा सकता है। थ्रंबोलिसिस प्रक्रिया शुरू करने से पहले मरीज के साथ आए किसी तीमारदार का सहमति होना जरूरी था। पता चला कि राजेश कुमार के परिवार कोई भी यहाँ नहीं रहता है। वह प्रतिदिन मजदूरी कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। घाट पर ही रात बिताते हैं। घाट पर उन्ही के जानने वाले एक साथी अंशुमन मिश्रा के बारे में जानकारी मिली। 

साथी की सहमति तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ० संदीप चौधरी और बीएचयू के हृदयरोग विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर धर्मेंद्र जैन की अनुमति से राजेश की थ्रंबोलिसिस प्रक्रिया के अंतर्गत एक इंजेक्शन लगाकर उनकी जान बचाई गई। इस कार्य में दशाश्वमेघ घाट पुलिस चौकी का विशेष सहयोग मिला।
 

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