BHU में तीन दिवसीय चित्रकला प्रदर्शनी, काशी की संस्कृति व लोक चित्रकला के होंगे दर्शन
वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय स्थित आहिवासी कला विथिका में तीन दिवसीय प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि पद्मश्री डॉ विजय शर्मा ने फीता काटकर व महामना की प्रतिमा पर दीप प्रज्ज्वलित कर किया। इस दौरान डॉक्टर उत्तमा दीक्षित संकाय प्रमुख विभाग अध्यक्ष दृश्य कला शंकर की पुस्तक का विमोचन किया गया। पुस्तक का मुख्य विषय काशी संस्कृति एवं लोक चित्रकला है।
इस दौरान छात्राओं ने कुल गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में पहुंचे अतिथियों का स्वागत माल्यार्पण और पुष्पगुच्छ देकर किया गया। दृश्य कला संकाय की विभागाध्यक्ष डॉक्टर उत्तमा दीक्षित ने कहा कि यहां पर तीन दिनों का एग्जीबिशन लगाया गया है। पिछले 15 दिनों से यहां पर एक वर्कशॉप चलाया जा रहा था। उन्होंने कहा कि 15 दिनों तक जो वर्कशॉप चला है, उसी की प्रदर्शनी लगाई गई है। उन्होंने बताया कि जिस पुस्तक का अनावरण किया गया उसका विषय काशी संस्कृति और लोक चित्रकला और संस्कृति है। कार्यक्रम के दौरान भोजपुरी अध्ययन केंद्र के समन्वयक प्रोफेसर श्रीप्रकाश शुक्ला ने कहा कि प्रोफेसर उत्तमा दीक्षित की पुस्तक में काशी की संस्कृति को दर्शाया गया है।
उन्होंने बताया कि सांस्कृतिक परिसर और उसके विकास के बारे में एक व्यवस्थित पुस्तक लिखी है इस पुस्तक को पढ़ते हुए हमें भगवान शिव के बारे में जानकारी मिलती है। काशी के संरक्षक बाबा विश्वनाथ को साहित्य और परंपरा में उन्हें अलबेला चित्रकार माना गया है। कार्यक्रम में प्रोफेसर सदा शिवकुमार द्विवेदी, प्रोफेसर सदानंद शाही समेत अन्य मौजूद रहे।
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