मेटलर्जी विभाग के तीन दिवसीय शताब्दी समारोह का हुआ शुभारंभ, जुटे देश-विदेश से एलुमनाई और एक्सपर्ट

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वाराणसी। सफलता अचानक नहीं मिलती है या ये कोई रातों-रात होने वाला जादू नहीं है। इसके लिए धैर्य रखना होता है। आपकी अंदर छिपी सद्भावना और आपके द्वारा किया गये अच्छे कार्य का संगम ही आपको सफलता दिलाता है। यह मूल मंत्र है। यह बातें, एजिलिसिस इंक., लॉस वेगास, यूएस के सीईओ और मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग के पुराने छात्र रमेश श्रीनिवासन (मेटलर्जी 1982) ने छात्रों से कहीं। वे गुरुवार को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (काशी हिन्दू विश्वविद्यालय) के धातुकर्म अभियांत्रिकी (मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग) विभाग द्वारा स्वतंत्रता भवन में आयोजित शताब्दी समारोह और तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे।

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उन्होंने आगे कहा कि आप जो भी काम करें ईमानदारी से करें, जो भी प्रोजेक्ट करें पूरी डिटेल के साथ करें, अपने साथियों की मदद करें, सभी से अच्छा बर्ताव करें। यह सब बातें आपको आपके जीवन में आगे ले जाएंगी। उन्होंने बताया कि मेरे जीवन में कैरियर के प्रति बड़ा बदलाव इस संस्थान की वजह से संभव हो पाया। इस संस्थान ने मुझे इतना दिया है कि अगर मैं अपना सब कुछ भी दे दूं तो वह कम पड़ेगा।

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इस अवसर पर संस्थान के निदेशक प्रोफेसर प्रमोद कुमार जैन ने कहा कि आज मेटजर्लिकल इंजीनियरिंग की उपयोगिता और आवश्यकता हर क्षेत्र में है और आज से सौ साल पहले भारत रत्न मालवीय जी ने इस विभाग की नींव रखी, यह निःसंदेह एक महान सोच है। उन्होंने तत्कालीन विभागाध्यक्षों, शिक्षकों के लगन और मेहनत का आभार प्रकट किया। उन्होंने मुख्य अतिथि और पुरा छात्र रमेश श्रीनिवासन का भी आभार प्रकट किया। बताया कि रमेश श्रीनिवासन यूएस में 2019 में बनी संस्थान के डोनेशन एकत्रित करने के लिए बनी आईआईटी फाउंडेशन के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं और सबसे पहले संस्थान को 1.6 मिलीयन यूएस डॉलर का अनुदान दिया। जिससे छात्रों के लिए स्टूडेंट एक्टिविट सेंटर की स्थापना हो पायी। उसके बाद से अब तक पूरे विश्व से लगभग 80 करोड़ रूपये का अनुदान संस्थान को प्राप्त हो चुका है।

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उद्घाटन समारोह के बाद तकनीकी सत्र में प्रोफेसर राजीव मिश्रा, यूएसए, प्रोफेसर पॉलो संतोष असिस, ब्राजील, प्रोफेसर आरसी गुप्ता, आईआईटी बीएचयू ने अपने वक्तव्य दिये। देर शाम सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इससे पहले कार्यक्रम के शुभारंभ मालवीय जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण और विभाग की स्थापना के समय शिक्षकों की तस्वीर पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन किया गया। विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सुनील कुमार मोहन ने विभाग की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।

इस अवसर पर शताब्दी समारोह आयोजन समिति के कन्वीनर व एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. गिरिजा शंकर महोबिया ने अतिथियों, पुरा छात्रों, विशिष्ट अतिथियों का स्वागत किया। निदेशक प्रोफेसर प्रमोद कुमार जैन ने विशिष्ट अतिथियों को सम्मानित किया। इस अवसर पर स्मारिका का भी विमोचन किया गया।
 

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