बछड़े से था इतना प्यार, मृत्यु पर इंसानी रीति रिवाज़ से अंतिम संस्कार, रस्मो-रिवाज़ के साथ दफनाया

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वाराणसी। हिंदू धर्म में किसी मनुष्य का देहांत हो जाने पर उसे अग्नि देकर जलाया जाता है। यदि कोई बच्चा मृत्यु होता है तो उसे दफनाया या गंगा में बहा दिया जाता है। सनातन धर्म में आस्था रखने वाले ऐसा केवल इंसानों के साथ ही नहीं बल्कि जानवरों के साथ भी करते हैं। 

इसका जीता जागता उदाहरण वाराणसी के सेवापुरी क्षेत्र के इसरवार गांव में देखने को मिला। जहां पूर्व ग्राम प्रधान श्याम सुंदर यादव (पप्पू) ने गाय के बछड़े का देहांत हो जाने पर इंसानी रस्मो रिवाज के साथ उसका दाह संस्कार किया। पप्पू यादव ने गाय के बछड़े के शव को गांव के ही समीप कब्र खुदवाकर उसमें दफ़न करा दिया। 

पप्पू यादव ने बताया कि यह सीख उन्होंने अपनी मां से हासिल की है। कहा कि उनकी मां ने एक बात सिखाई थी कि मनुष्य हो या जानवर दोनों का सम्मान करना चाहिए। अपनी माता की बातों का पालन करते हुए पप्पू यादव ने गाय के बछड़े को अपने गांव के ही समीप एक कब्र खुदवा कर उसमें उसे दफन करवाया और बछड़े की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना भी किया।

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