चंद्र ग्रहण के वजह से दिन में हुई मां गंगा की आरती, 32 साल में चौथी बार दशाश्वमेध घाट पर बदला आरती का समय
वाराणसी। काशी में होने वाली विश्व प्रसिद्ध मां गंगा की आरती 32 वर्षों में चौथी बार दिन में हुई, बड़ी संख्या में श्रद्धालु व पर्यटक इसपल के साक्षी बने और दशाश्वमेध घाट (Dashashwamedh Ghat) पर पहुंचे।
दशाश्वमेध घाट पर गंगा सेवा निधि द्वारा होने वाली विश्व प्रसिद्ध मां गंगा की आरती (Ganga Aarti) आज चंद्र ग्रहण से पूर्व सूतक काल के कारण दोपहर: 02 बजकर 30 मिनट पर प्रारंभ हुई 03 बजकर 30 मिनट पर संपन्न करा दी गई। चंद्र ग्रहण के कारण वाराणसी में होने वाली विश्व विख्यात मां गंगा की आरती का समय बदला गया और दोपहर में मां गंगा की आरती की गई।
बता दें कि चंद्रग्रहण की वजह से चौथी बार काशी में मां गंगा की आरती की वर्षों पुरानी परंपरा टूटी है। इससे पूर्व में 16 जुलाई 2019 में हुई थी। इसके पहले 27 जुलाई 2018 को ग्रहण के कारण दोपहर में हुई थी। इसी तरह से 2017 में 8 अगस्त को दिन में आरती संपन्न कराई गई थी।
गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्र के अनुसार सूतक काल के कारण शनिवार को दोपहर मां गंगा की आरती प्रारम्भ हुई, पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण से पूर्व देवालयों के कपाट बंद होने की परंपरा रही है। आज मां गंगा की आरती से पूर्व मां भगवती से ग्रहण का दुश्प्रभाव आम जन मानस पर न पड़े। इस लिए प्रार्थना की गई। साथ ही इसे देखते हुए दशाश्वमेध घाट पर होने वाली विश्व प्रसिद्ध दैनिक मां गंगा की आरती का भी समय गंगा सेवा निधि द्वारा परिवर्तित कर दोपहर में कराया गया।
इस दौरान गंगा सेवा निधि के कोषाध्यक्ष आशीष तिवारी, सचिव हनुमान यादव समेत देश विदेश से आए श्रद्धालुओं व पर्यटक मां गंगा की आरती में शामिल हुए।
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