लूट व मारपीट के मामले में 9 नामजद समेत 6 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश, तीन माह पुराना है मामला
प्रकरण के अनुसार शिवकुमार ने अपने अधिवक्ता विकास सिंह के जरिये अदालत में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156(3) के तहत प्रार्थना पत्र दिया था। आरोप था कि वह विद्युत विभाग विकास खण्ड सेवापुरी वाराणसी में संविदा पर विद्युत कर्मचारी है। उसने एक जमीन क्रय किया था। जिसका कब्जा लेने के लिए वह 19 मार्च 2024 की सुबह 8 बजे गया था। उसी दौरान वहाँ पर मौजूद सुभाष यादव, रामसजीवन यादव, उमेश यादव, सुनील यादव, मनोज यादव, विजय यादव, संतोष यादव, सीता देवी, विमला देवी व अन्य पाँच-छः पुरुष व महिलाए उसे जातिसूचक गालियां देते हुए जमीन पर कब्जा करने से रोकने लगे।
जब उसने विरोध किया तो वह लोग धमकी देने और फर्ज़ी मुकदमा में जेल भिजवाने की धमकी देते हुए वहां से चले गए। फिर उसी दिन शाम को जब वह तक्खू की बौली बाजार से सांय लगभग सात साढ़े सात बजे लौटते हुए अशमी की बारी पहुंचा ही था कि वहां पहले से खड़े विपक्षी सुनील यादव, मनोज यादव, विजय यादव व संतोष यादव लाठी डण्डा व असलहा से लैश होकर उसको घेर लिए और सुनील यादव ने उसके सीने पर असलहा सटा दिया, तभी संताष ने गले में पहने चैन छीन लिए और गालियां देते हुए उसे मारने-पीटने लगे और जेब में रखे 750/- रुपये छीन लिये।
इस बीच शोर सुनकर जब पड़ोस के मनोज सिंह, पवन सिंह को घटना स्थल पर पहुंचे तो सभी गालियां देते हुए जान से मारने की धमकी देते हुए वहां से भाग गए। इस मामले में पुलिस से शिकायत करने पर जब कोई कार्यवाही नहीं हुई तो पीड़ित ने अदालत की शरण ली।
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