राजभाषा हिंदी से ही पूरा हो सकता है आत्मनिर्भर भारत का सपना, बरेका में कार्यान्वयन समिति की मीटिंग में चर्चा 

नले
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वाराणसी। बनारस रेल इंजन कारखाना राजभाषा विभाग के तत्वा वधान में शुक्रवार को बरेका राजभाषा कार्यान्वायन समिति की तिमाही बैठक हुई। इसमें राजभाषा हिंदी को बढ़ावा देने पर चर्चा हुई। बैठक की अध्य्क्षता कर रहे महाप्रबंधक बासुदेव पांडा ने राजभाषा को प्रोत्साहित करने के लिए प्रेरित किया। 

उन्होंने कहा कि हमारे सामने दुनिया की आधुनिकतम तकनीक के साथ कदम से कदम मिला कर चलने की चुनौती है। वहीं दूसरी ओर अपने प्राचीन ज्ञान को संरक्षित करते हुए उसे आधुनिक जीवन के अनुकूल बनाने की चुनौती भी है। इस चुनौती का सामना भारतीय भाषाओं को अपनाकर ही किया जा सकता है। आत्मकनिर्भर भारत के सपने को पूरा करने के लिए राजभाषा हिंदी में मौलिक चिंतन एवं लेखन करना होगा। तकनीकी ज्ञान का आम जनता में प्रसार हिंदी के माध्याम से ही संभव है। उन्होंखने सभी अधिकारियों को अनुवाद पर निर्भरता कम कर हिंदी में कार्य करने का निर्देश दिया। उन्होंखने ई-पत्रिका बरेका दर्पण का लोकार्पण किया।

इसके पूर्व अधिकारियों का स्वाेगत करते हुए त्रिलोक कोठारी, मुख्य  राजभाषा अधिकारी ने बरेका में हो रहे हिंदी के प्रयोग और प्रगति के लिए किए जा रहे रचनात्महक प्रयासों से अवगत कराया। बैठक का संचालन एवं धन्यरवाद ज्ञापन डॉ. संजय कुमार सिंह, वरिष्ठा राजभाषा अधिकारी ने किया। बैठक में उपस्थित प्रमुख विभागाध्ययक्षों एवं अधिकारियों को अपने विभाग से संबंधित हिंदी की प्रगति रपट पर चर्चा की गई एवं अपने विचार प्रस्तु्त किए गए। इस अवसर पर रजनीश गुप्ताे, प्रमुख मुख्यन सामग्री प्रबंधक, विनोद बम्पा्ल, प्रमुख मुख्यर इंजीनियर, जनार्दन सिंह, प्रमुख मुख्यय कार्मिक अधिकारी, डॉ देवेश कुमार, प्रमुख मुख्य चिकित्सा अधिकारी, नीरज जैन, मुख्यर यांत्रिक इंजीनियर,सर्विस इंजीनियरिंग एवं अन्यर विभागाध्यमक्ष उपस्थित थे।

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