तमिल मेहमानों का काशी में हुआ वणक्कम, फूलों की वर्षा से मेहमानों का किया गया स्वागत
 

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वाराणसी। काशी तमिल संगमम-2 में शामिल होने के लिए तमिल श्रद्धालुओं का छठवां दल "कावेरी" काशी पहुंचा। धर्म, संस्कृति और इतिहास से भरी हुई नगरी काशी में दक्षिण भारतीय मेहमानों का ‘वणक्कम काशी’ कहके अभिवादन किया गया। ढोल-नगाड़े की थाप के बीच स्वस्तिवाचन और फूलों की वर्षा से मेहमानों का स्वागत किया गया।

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मेहमानों का स्वागत उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने किया। लेखकों के समूह ने कहा कि हमें खुशी है कि हम सभी काशी में बाबा विश्वनाथ का दर्शन पूजन करेंगे और प्रयागराज संगम स्नान, अयोध्या प्रभु राम लला का दर्शन कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस तीन शहरों की यात्रा में हमें बहुत कुछ देखने और जानने को मिलेगा। 

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मेहमानों के लिए विशेष तैयारी 
काशी पहुंचे मेहमानों के लिए विशेष तैयारी की गई हैं। इस यात्रा में मेहमानों को तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश दोनों की कला संस्कृति की झलक दिखाई देगी। इसके आलावा उन्हें काशी विश्वनाथ धाम, काल भैरव मंदिर, सारनाथ, हनुमान घाट, गंगा आरती सहित अन्य स्थानों का भ्रमण करते हुए प्रयागराज और फिर अयोध्या का भी भ्रमण करेंगे।‌   

मंदिर कराएगी दक्षिण भारत का अहसास 
दक्षिण भारत से काशी आने वाले लोग सुब्रह्मण्य भारती के घर और म्यूजियम का दीदार कर रहे हैं। इतना ही नहीं काशी में कांची कामकोटि पीठ है, जोकि दक्षिण भारत की वास्तु कला पर बनी है। इस मंदिर के शिखर पर तमाम देवी देवताओं की प्रतिमा स्थापित है। यही नहीं, काशी तमिल संगमम-2 के दौरान वाराणसी आने वाले सभी डेलिगेस्ट को काशी के मिनी तमिलनाडु यानी तमिल कॉलोनी का दीदार कराया जा रहा है, ताकि सदियों पहले जुड़ा यह नाता फिर से उतना ही गहरा हो सके। 

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दक्षिण भारतीय मेहमानों का आवभगत कर रहा काशी 
काशी में इन मेहमानों को दक्षिण भारत का खान-पान, रहन-सहन और वेशभूषा के साथ ही वहां के लोग और काशी के लोगों का एक दूसरे के प्रति प्यार और दुलार भी दिखाई देगा, साथ ही ग्रुप में 1500 से ज्यादा डेलिगेट्स बनारस आएंगे। अब तक डेलिगेट्स का पांच समूह काशी का भ्रमण कर चुका हैं। हर ग्रुप में 205 डेलिगेट्स की मौजूदगी हैं। तमिल पंचांग के अनुसार इस बार मार्गली (मार्गशीर्ष) महीने में काशी तमिल संगमम-2 का आयोजन किया गया हैं।

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कल एकेडमिक सत्र में शामिल होंगा तमिल लेखको का समूह  
पांचवां एकेडमिक सत्र 28 दिसंबर यानी कल आयोजित होगा। इसमें लेखकों का डेलीगेशन आएगा। इस सत्र में तमिल और हिंदी साहित्य के विचारों, समावेशी और प्रगतिवादी पर चर्चा होगी। इसमें मुख्य वक्ता के तौर पर डॉ. नीरजा माधव होंगी।

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