‘फोटो खिंचवा लो और जाओ’ दीक्षांत समारोह में शामिल होने आए 400 बच्चों को पुलिस ने गेट पर रोका, छात्र-छात्राएं आक्रोशित
वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के 45वें दीक्षांत समारोह को लेकर छात्र-छात्राएं उत्साहित हैं। इसी बीच समारोह में कॉलेज के अपने विषयों के टॉप टेन छात्राओं को समय से विश्वविद्यालय बुलाया गया था। बच्चे समय से आए हैं। जबकि उन्हें गेट पर ही रोक दिया गया।
ऐसे में छात्र-छात्राएं आक्रोशित होकर गेट पर अंदर बुलाने का इंतज़ार कर रही हैं। छात्राओं का आरोप है कि सभी को समय से बुलाया गया था। लेकिन पुलिसकर्मी गेट के बाहर ऐसे प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को अंदर जाने से रोक रहे हैं। तो फिर उनको बुलाया ही क्यों गया था?
आक्रोशित छात्र-छात्राओं ने कहा कि छात्र-छात्राओं और टीचर के लिए ही यह दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया है। जिसमें भारत की राष्ट्रपति महोदय का आगमन है। हम लोग भी प्रफुल्ल्ति हैं कि राष्ट्रपति के समक्ष हम लोगों को डिग्री लेने का मौका मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। गेट पर छात्रों को रोकना विश्वविद्यालय प्रशासन के अकर्मण्यता को दर्शाता है और उसकी लापरवाही को दर्शाता है। गेट पर 400 छात्र-छात्राएं आक्रोशित भाव से खड़े हैं।
छात्रा वर्तिका अग्रवाल ने बताया कि मेरी एलएलबी में 7वीं रैंक आई है। हम आज यहां पर 45 वें दीक्षांत समारोह में डिग्री लेने आए हुए हैं। उम्मीद थी कि राष्ट्रपति से मिलने का मौका मिलेगा। लेकिन हमे गेट के बाहर ही रोक दिया गया।
छात्रा चारू त्रिवेदी ने कहा कि दीक्षांत समारोह में शामिल होने के लिए हमें बुलाया गया था, लेकिन अंदर एंट्री ही नहीं दी जा रही है। बीएससी 3rd इयर में मेरा 8वां स्थान आया हुआ है। कहा गया था कि टॉप-10 वालों को सम्मानित किया जाएगा। लेकिन यहां केवल फर्स्ट रैंक पर आने वालों को ही भीतर जाने दिया जा रहा है। हम यहां पर घंटों से खड़े हैं। कोई कुछ बताने को तैयार नहीं है। कहा जा रहा है कि ‘फोटो खींचा लो और जाओ’। राष्ट्रपति से मिलने की काफी उम्मीद थी लेकिन हमें गेट पर ही रोक दिया गया।
छात्र अंकुर सिंह ने कहा कि हमें टॉप-10 में सम्मानित होने के लिए बुलाया गया था। जिसके लिए हमें मैसेज भी दिया गया था। इसके लिए हमने 700 रुपए का रसीद भी कटवाया और डिग्री दिया गया। 9:30 से पहले हमें एंट्री के लिए बुलाया गया था। जब यहां आ रहे हैं तो अंदर बिना इनविटेशन कार्ड के जाने नहीं दिया जा रहा। हमें जो कार्ड दिया गया है, उसे दिखाने पर कह रहे हैं कि यह मान्य नहीं है।
एमए मनोविज्ञान की छात्रा कामिनी सिंह ने कहा कि टॉप – 10 में उसका भी नाम था। 700 रुपए लेकर हमें साफा और टोपी दिया गया था। हमें आज दीक्षांत समारोह के लिए बुलाया गया था। लेकिन यहां पर केवल गोल्ड मेडलिस्ट को ही एंट्री दी जा रही है। नियमानुसार हमें 9:30 बजे से फले बुलाया गया था। हर विभाग के हर सब्जेक्ट से टॉप-10 बच्चे यहाँ पर खड़े हैं। उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
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