पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में स्वर्णकार समाज का कैंडल मार्च, सिंधु जल संधि रद्द करने की मांग हुई तेज
मार्च में शामिल लोगों ने हाथों में जलती मोमबत्तियों के साथ नारेबाजी की और सरकार से आतंकवाद के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की। इस अवसर पर मीडिया से बात करते हुए संगठन के प्रदेश अध्यक्ष पृथ्वीपाल सिंह ने कहा, “जब कुछ लोग कहते हैं कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, तो हमें यह भी कहना पड़ेगा कि आतंक का एक खास रंग, भाषा और परिधान होता है। हम इस सच्चाई से मुंह नहीं मोड़ सकते।” उन्होंने केंद्र सरकार विशेषकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लिए गए फैसलों पर पूर्ण विश्वास जताते हुए उनसे और भी सख्त कदम उठाने की अपील की।

वहीं, संगठन के जिला अध्यक्ष अविनाश सेठ ने अपने बयान में कहा कि अब समय आ गया है कि गोली से पहले पानी रोका जाए। सिंधु नदी का पानी जो पाकिस्तान की ओर जा रहा है, उसे पूरी तरह बंद कर दिया जाए ताकि पहले वे प्यासे मरें, फिर बरसात में वह पानी हमारी नदियों में बहा दिया जाए। हर आतंकवादी के बदले उनके ठिकानों तक बदला पहुंचाना चाहिए।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री केवल सरकार के मुखिया नहीं, बल्कि देश के पिता समान हैं। अब उन्हें आतंक के खिलाफ ऐतिहासिक और अभूतपूर्व निर्णय लेने होंगे। जैसे आतंकवादी धर्म पूछकर मारते हैं, वैसे ही हमें भी उन्हें उनके धर्म की पहचान के साथ जवाब देना होगा।”

इस शोकसभा और विरोध रैली में समाज के कई प्रमुख सदस्य उपस्थित रहे जिनमें दिलीप सोनी, विनोद वर्मा, अमित सेठ, मनोज सेठ, आनंद सेठ, मोनू सेठ, गोपाल सेठ, गोपाल वर्मा, राजू सेठ, विक्की सेठ, भारत सेठ, संदीप सेठ, शिव सेठ, मनीष सेठ, कृष्ण सेठ, अशोक सेठ, हरि सेठ, किशन सेठ, किशन वर्मा, शुभम सेठ और गोलू सहित सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल रहे।

