गीता ज्ञान और भारतीय संस्कृति प्रतियोगिताओं में विद्यार्थियों का उमड़ा उत्साह, महामना विद्यालय गूंज उठा सांस्कृतिक उद्घोषों से
वाराणसी। गीता जयंती और महामना जयंती के शुभ अवसर पर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय स्थित महामना विद्यालय में आयोजित गीताज्ञान प्रतियोगिता, भारतीय संस्कृति ज्ञान प्रतियोगिता और गीता श्लोक गायन प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लेकर परिसर को ज्ञान, संस्कृति और उमंग से सराबोर कर दिया। सैकड़ों की संख्या में उपस्थित बच्चों में प्रतियोगिता को लेकर अद्भुत ऊर्जा और आत्मविश्वास देखा गया।
कार्यक्रम के प्रति विद्यार्थियों की गहरी रुचि को देखते हुए विद्यालय की प्रधानाचार्या मीनू सिंह ने इसे महामना मदन मोहन मालवीय की विशेष कृपा बताया। उन्होंने कहा कि बच्चों का यह बढ़ता उत्साह हमारी सांस्कृतिक जड़ों से उनके आत्मिक संबंध को दर्शाता है।

नई पीढ़ी में सांस्कृतिक जागरूकता का अद्भुत उत्साह
प्रतियोगिता के मुख्य संयोजक, बीएचयू के चीफ फार्मासिस्ट ऑफिसर एवं गीताज्ञान शिक्षक श्री अखिलेश कुमार राय ने कहा कि नई पीढ़ी मेधावी और अत्यंत जिज्ञासु है।
उन्होंने कहा— “बच्चों को अपने मूल को समझने की चाह है। ये बच्चे भारत का भविष्य हैं, इन्हें सांस्कृतिक और बौद्धिक दोनों ही स्तरों पर सशक्त बनाना हम सभी की जिम्मेदारी है।”
उन्होंने बताया कि महामना मालवीय जी स्मृति संस्कार पुस्तकालय नासिरपुर सुसवाही बीएचयू के समन्वय से आयोजित इन प्रतियोगिताओं का उद्देश्य बच्चों को भारतीय ज्ञान परंपरा और नैतिक मूल्यों से जोड़ना है।
लगभग दो दर्जन विद्यालयों ने कराया पंजीकरण
महामना मालवीय जी स्मृति संस्कार पुस्तकालय के अध्यक्ष एवं मालवीय मिशन (बीएचयू इकाई) के उपाध्यक्ष तथा बीएचयू विधि संकाय के प्रोफेसर शैलेन्द्र कुमार गुप्ता के मार्गदर्शन में प्रतियोगिताओं का विस्तार शहरभर में किया जा रहा है।
सरकारी एवं गैरसरकारी मिलाकर लगभग दो दर्जन विद्यालयों ने इन प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए पंजीकरण कराया है, जिससे नगर के हजारों छात्रों तक गीता और भारतीय संस्कृति का संदेश पहुंच रहा है।

महामना विद्यालय गूंज उठा बच्चों के उद्घोषों से
प्रतियोगिताओं के पश्चात बच्चों ने ऊर्जा से भरे उद्घोष लगाए—
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“महामना की जय हो, दिसंबर गीतामय हो!”
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“गीता है सिद्धांत और महामना हैं दृष्टांत!”
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“हम गीता पढ़ेंगे, आगे बढ़ेंगे— सफलता की चोटी पर चढ़ेंगे!”
इन नारों से पूरा परिसर आध्यात्मिकता, प्रेरणा और सांस्कृतिक चेतना से गूंज उठा।
अन्य विद्यालयों में भी जारी रहेगा आयोजन
बीएचयू से सेवानिवृत्त सहायक कुलसचिव डॉ. नरेश चंद्र पाण्डेय ने बताया कि राजकीय कम्पोजिट विद्यालय नासिरपुर सुसवाही में भी छात्रों ने अत्यंत उत्साह के साथ भाग लिया।
उन्होंने कहा—“प्रतियोगिताओं का यह क्रम महामना मालवीय जयंती तक जारी रहेगा, ताकि अधिक से अधिक विद्यार्थी इससे लाभान्वित हों और अपनी सांस्कृतिक विरासत पर गर्व महसूस करें।”
आध्यापिकाओं और विद्यालय परिवार का सराहनीय सहयोग
इस अवसर पर सभी अध्यापिकाओं और विद्यालय परिवार के सक्रिय सहयोग, अनुशासन और उत्साह की विशेष सराहना की गई, जिसने कार्यक्रम को सफल और प्रेरणादायी बनाया।
महामना विद्यालय में आयोजित इस सांस्कृतिक-अध्यात्मिक उत्सव ने विद्यार्थियों के भीतर ज्ञान, संस्कार और भारतीय मूल्यों के प्रति नई चेतना जगाई और गीता की अमर शिक्षाओं को बच्चों के मन में अंकित कर दिया।

