ठेला पटरी व्यवसायियों ने अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई का किया अनोखा विरोध, सड़क पर मांगी भीख

वाराणसी। शहर में चल रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत ठेला पटरी व्यवसायियों पर की जा रही सख्त कार्रवाई के विरोध में अब विरोध का एक नया और अनोखा तरीका सामने आया है। ठेला-पटरी व्यवसाइयों ने पीएम और सीएम की तस्वीरें हाथों में लेकर सड़क पर भीख मांगकर विरोध जताया। इस दौरान अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई पर नाराजगी जताई। साथ ही वेंडिंग जोन में स्थापित करने की मांग की।
ठेला लगाकर सड़क किनारे फल, सब्जी और अन्य खाद्य सामग्री बेचने वाले दुकानदारों का कहना है कि प्रशासनिक कार्रवाई के कारण उनकी आजीविका पूरी तरह से बाधित हो गई है। लोगों के सड़क किनारे खड़े होकर खरीदारी करने से यातायात जाम की समस्या उत्पन्न होती है, इसी को आधार बनाकर प्रशासन द्वारा इन व्यापारियों को हटाया जा रहा है।
कुछ दिन पहले पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने गोदौलिया चौराहे पर चेतावनी देते हुए कहा था कि जो भी सड़क पर अतिक्रमण करता हुआ पाया जाएगा, उसके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट और गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद कई ठेला व्यापारियों पर केस दर्ज हुए और उनका ठेला जब्त किया गया, जिससे उनमें आक्रोश फैल गया है।
इस सख्त कार्रवाई के विरोध में शुक्रवार को मैदागिन क्षेत्र के दर्जनों ठेला पटरी व्यापारी सड़क, मंदिर और गलियों में भीख मांगते नजर आए। ठेला पटरी व्यवसायी संघ के अध्यक्ष राजू शर्मा ने बताया कि प्रशासन की धमकी और कानूनी कार्रवाई के डर से उन्होंने ठेला लगाना छोड़ दिया है। उन्होंने कहा, “कमिश्नर साहब का कहना है कि अगर ठेला लगाया तो जेल भेज देंगे, गैंगस्टर एक्ट लगेगा। ऐसे में हमारे पास कोई विकल्प नहीं बचा। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमें 20,000 से 50,000 रुपये तक का लोन दिया था, अब जब व्यवसाय ही नहीं कर पा रहे, तो लोन कैसे चुकाएंगे?”
व्यवसायियों ने विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीरें हाथ में लेकर भीख मांगी। उनका कहना है कि काशी में लोग देवी-देवताओं की तस्वीर लेकर भीख मांगते हैं, इसलिए उन्होंने देश के नेताओं की तस्वीर लेकर अपनी पीड़ा जाहिर की है। व्यापारियों ने प्रशासन से मांग की है कि उन्हें रोज़गार का वैकल्पिक स्थान दिया जाए, जहां वे शांतिपूर्वक अपना व्यवसाय जारी रख सकें।