महापुरुषों की प्रतिमाएं हटाए जाने के विरोध में सपा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन, वैश्य समाज ने जताया आक्रोश
वाराणसी। उत्तर प्रदेश सरकार पर महापुरुषों का अपमान करने का आरोप लगाते हुए समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को वाराणसी कचहरी स्थित परिसर में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। समाजवादी व्यापार सभा के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप जायसवाल के नेतृत्व में हुए इस प्रदर्शन में कार्यकर्ताओं ने राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। साथ ही राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से सौंपा।
प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि भाजपा सरकार लगातार वैश्य समाज और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का अपमान कर रही है। उन्होंने कहा कि चार दिन पहले सीतापुर के बिसवां में भूतपूर्व स्वतंत्रता सेनानी, पूर्व विधायक व सांसद जगन्नाथ प्रसाद अग्रवाल उर्फ ‘जगन बाबूजी’ की प्रतिमा प्रशासन द्वारा हटा दी गई थी। इस घटना के विरोध में पहले भी सपा ने प्रदर्शन किया था।
विरोध की दूसरी और हालिया घटना कन्नौज जनपद के छिबरामऊ क्षेत्र की है, जहां राष्ट्रीय राजमार्ग 91 के चौड़ीकरण के दौरान महात्मा गांधी की प्रतिमा को हटाया गया था। उस समय यह कहा गया था कि कार्य पूरा होने के बाद प्रतिमा को पुनः स्थापित किया जाएगा। लेकिन हाल ही में वहां पूर्व सहकारिता मंत्री और उनकी पत्नी की प्रतिमाएं स्थापित कर दी गईं, जिससे वैश्य समाज में गहरा असंतोष फैल गया है।
सपा कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि यह कदम भाजपा सरकार की दोहरे चरित्र को उजागर करता है, जो खुद को व्यापारियों की पार्टी कहती है लेकिन वैश्य समाज के महापुरुषों का लगातार अपमान कर रही है। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि हटाई गई प्रतिमाओं को तत्काल पुनः स्थापित किया जाए और भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो राज्यव्यापी आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

