ढाई सौ सालों की परंपरा को रेखांकित करती शॉर्ट फिल्म 'कोविलूर टू काशी',  श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने तीन भाषाओं में किया रिलीज 

  ढाई सौ सालों की परंपरा को रेखांकित करती शॉर्ट फिल्म 'कोविलूर टू काशी',  श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने तीन भाषाओं में किया रिलीज 
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वाराणसी। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने काशी की सनातन परंपराओं को दर्शाती एक विशेष 59 सेकंड की शॉर्ट फिल्म 'कोविलूर टू काशी: नेशनल यूनिटी थ्रू श्री विश्वेश्वर' रिलीज की है। यह फिल्म हिंदी, अंग्रेजी और तमिल तीन भाषाओं में जारी की गई है, जो तमिलनाडु के चेट्टियार समुदाय द्वारा पिछले ढाई सौ वर्षों से काशी विश्वनाथ मंदिर में आरती सामग्री की आपूर्ति की ऐतिहासिक परंपरा को रेखांकित करती है।

सनातन परंपरा और राष्ट्रीय एकता का संदेश
यह शॉर्ट फिल्म काशी की विविधता में एकता की भावना को प्रदर्शित करती है। न्यास के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण ने बताया कि "काशी को 'लघु भारत' इसलिए कहा जाता है क्योंकि यहां उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक की सभी मान्यताओं और परंपराओं का समावेश है। यह फिल्म क्षेत्रीय और भाषाई भिन्नताओं से ऊपर उठकर सनातन एकता का संदेश देती है।" उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय एकता का सशक्त उदाहरण है, जो देशवासियों को अपनी सांस्कृतिक विरासत पर गर्व करने के लिए प्रेरित करेगा।

ऑपरेशन सिंदूर के अवसर पर रिलीज
फिल्म की रिलीज एक विशेष अवसर पर की गई, जब भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पहलगाम आतंकी हमले का जवाब देते हुए पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों को नष्ट किया। इस अभूतपूर्व राष्ट्रीय चेतना के माहौल में यह फिल्म सनातन धार्मिक पहचान और राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने का संदेश देती है।

सोशल मीडिया के लिए उपयुक्त
59 सेकंड की यह शॉर्ट फिल्म व्हाट्सएप, मोबाइल स्टेटस और सोशल मीडिया पर साझा करने के लिए तैयार की गई है, ताकि अधिक से अधिक लोग इस ऐतिहासिक परंपरा को जान सकें। न्यास ने उम्मीद जताई कि यह फिल्म देशभर में लोगों को प्रेरित करेगी और काशी की सांस्कृतिक विरासत को और प्रसारित करेगी।

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