शास्त्री जी काशी और रामनगर के गौरव, पुण्यतिथि पर पूर्व पीएम को किया याद
वाराणसी। रामनगर स्थित लाल बहादुर शास्त्री स्मृति भवन संग्रहालय में पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। संग्रहालय एवं भारतीय जन जागरण समिति, वाराणसी के संयुक्त तत्वावधान में पुष्पांजलि, संगोष्ठी, सुंदरकांड पाठ, और दीपांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री को याद किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने शास्त्री जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन कर किया। उन्होंने कहा कि शास्त्री जी काशी और रामनगर के गौरव हैं। उन्होंने अपने सादगीपूर्ण जीवन और निष्ठा से देश को नेतृत्व प्रदान किया। उनका 'जय जवान, जय किसान' का नारा आज भी हमें प्रेरित करता है। उनकी जीवन यात्रा एक साधारण बालक से भारत के प्रधानमंत्री तक की प्रेरणादायक कहानी है।" उन्होंने शास्त्री जी के प्रधानमंत्रित्व काल में हरित क्रांति और राष्ट्र सेवा के उनके कार्यों को भी रेखांकित किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रो. श्रद्धानन्द ने शास्त्री जी को सुचिता और स्वच्छ राजनीति का संवाहक बताया। मुख्य वक्ता रामाशीष (राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य, प्रज्ञा प्रवाह) ने उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शास्त्री जी सादगी, कर्मठता, और साहस की मूर्ति थे। डॉ. कुमुद रंजन (पूर्व विभागाध्यक्ष, समाजशास्त्र, वसंत कन्या महाविद्यालय) ने कहा कि युद्घ की कठिनाइयों के बावजूद उन्होंने 'जय जवान, जय किसान' का संदेश देकर देश को एकजुट किया।
अन्य वक्ताओं में भाजपा उपाध्यक्ष मधुकर चित्रांश ने राष्ट्र निर्माण में शास्त्री जी के योगदान को सराहा। कार्यक्रम का संचालन डॉ. सुजीत कुमार चौबे ने किया, जबकि संग्रहालयाध्यक्ष अमित कुमार द्विवेदी ने अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर अवधेश दीक्षित, वीरेंद्र मौर्य, डॉ. बी.एन. सिंह समेत अन्य रहे।