पदयात्रा पूर्ण कर काशी पहुंचेंगे शंकराचार्य, होगा गोरक्षा यज्ञ और चैत्र नवरात्रि का अनुष्ठान
वाराणसी। गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित कराने व गोकशी बन्द कराने की मांग को लेकर वृन्दावन से दिल्ली संसद भवन तक नंगे पांव पदयात्रा करते हुए कठिन संकल्प को पूरा कर ज्योतिषपीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती काशी पहुंचेंगे। वे काशी में गोरक्षा यत्र के रूप में चैत्र नवरात्रि का अनुष्ठान करेंगे।
शंकराचार्य 3 अप्रैल को सिलिगुडी, गोरखपुर की धर्मयात्रा कर काशी पहुंचेंगे। शंकराचार्य चैत्र नवरात्रि का अनुष्ठान काशी में सम्पन्न करेंगे। यह अनुष्ठान गोरक्षा यज्ञ के रूप में आयोजित किया जाएगा। इस अन्तराल में आयोजित होने वाले विविध धार्मिक अनुष्ठानों में वे सम्मिलित रहेंगे।
शंकराचार्य के दिव्य सान्निध्य में 108 कन्या पूजन,108 बटुक पूजन व 108 दम्पति पूजन का कार्यक्रम श्रीविद्यामठ में सम्पन्न होगा। साथ ही प्रतिदिन शंकराचार्य की ओर से भगवती राजराजेश्वरी त्रिपुरसुन्दरी देवी का विशेष पूजन किया जाएगा। यह जानकारी उनके मीडिया प्रभारी संजय पांडेय ने दी है।
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