राजनेता से पत्रकार की नई पारी : शैलेन्द्र सिंह ने राजनीति से लिया संन्यास, समाज सेवा के लिए अपनाई पत्रकारिता

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वाराणसी। वरिष्ठ पत्रकार और पूर्व जनप्रतिनिधि शैलेन्द्र सिंह ने आज एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए राजनीति से पूर्ण रूप से संन्यास लेने की घोषणा की है। वाराणसी में आयोजित एक संवाद कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि अब वे केवल पत्रकारिता के माध्यम से समाज सेवा करेंगे और निष्पक्ष, निर्भीक आवाज बनकर जनहित के मुद्दे उठाएंगे।

शैलेन्द्र सिंह ने अपने संबोधन में कहा, “वर्ष 1997 से मैं समाज की बेहतरी के लिए पत्रकारिता और राजनीति के माध्यम से लगातार संघर्ष करता रहा हूं। लेकिन अब मुझे लगता है कि पत्रकारिता एक ऐसा माध्यम है जो किसी भी दबाव के बिना सच्चाई को सामने लाने की ताकत रखता है। अब मेरा कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं होगा और मैं किसी भी दल से नहीं जुड़ा रहूंगा।”

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उन्होंने साफ किया कि यह निर्णय किसी राजनीतिक असफलता का परिणाम नहीं, बल्कि एक विचारशील बदलाव है। “राजनीति की सीमाओं में रहकर मैंने बहुत कुछ सीखा, लेकिन अब मैं समाज की नब्ज को सीधे छूना चाहता हूं, बिना किसी दलगत प्रतिबद्धता के,” उन्होंने कहा।

सामाजिक सरोकारों से गहरी जुड़ाव
शैलेन्द्र सिंह का सार्वजनिक जीवन हमेशा सामाजिक मुद्दों की वकालत करता रहा है – फिर चाहे वह किसानों की समस्या हो, बेरोजगारी, शिक्षा का हक, महिला सशक्तिकरण या फिर यातायात और प्रशासनिक अनियमितताओं का सवाल। उन्होंने कई मंचों पर वंचित और पीड़ित वर्गों की आवाज़ बुलंद की है।

अब पत्रकारिता को ही समाज सेवा का सशक्त माध्यम मानते हुए उन्होंने यह स्पष्ट किया कि वे और अधिक निर्भीकता से जनहित के मुद्दों को उठाएंगे, और पत्रकारिता के जरिए भ्रष्टाचार, पक्षपात और असमानताओं को उजागर करने का कार्य जारी रखेंगे।

जनता से अपील
अपने संदेश के अंत में शैलेन्द्र सिंह ने जनता से आग्रह किया कि वे सच्ची पत्रकारिता को पहचानें और उसका समर्थन करें। “सच बोलने वाला पत्रकार ही आज के दौर में समाज का असली प्रहरी है। मैं हर वर्ग की आवाज़ बनना चाहता हूं – निडर होकर, निष्पक्ष होकर,” उन्होंने कहा।

शैलेन्द्र सिंह का यह निर्णय न केवल मीडिया जगत के लिए प्रेरणादायक है, बल्कि समाज में सार्थक बदलाव लाने की उनकी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। उनके इस नए सफर को लेकर पत्रकारिता और सामाजिक क्षेत्र में सराहना का माहौल है।

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