सेवापुरी : बांझपन से जूझ रहीं 15 महिलाओं के लिए भगवान बनीं डॉ. शालिनी
वाराणसी। सेवापुरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत महिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. शालिनी शर्मा के अथक प्रयासों से 15 ग्रामीण महिलाओं ने बांझपन की समस्या को पार कर स्वस्थ शिशुओं को जन्म दिया है। इन प्रयासों से न केवल परिवारों में खुशी का माहौल है, बल्कि क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को भी नई ऊंचाइयां मिल रही हैं।
सेवापुरी स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. अमित सिंह ने बताया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी के निर्देशन में स्वास्थ्य विभाग जनपद में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि आज की व्यस्त जीवनशैली और तनाव का असर महिलाओं पर अधिक देखने को मिल रहा है, जिससे जननांग संबंधी समस्याएं और बांझपन जैसी चुनौतियां बढ़ रही हैं।

डॉ. शालिनी शर्मा ने बताया कि सेवापुरी ब्लॉक की कई ग्रामीण महिलाएं ओपीडी में बांझपन की समस्या लेकर आईं। जांच के दौरान पाया गया कि अनियमित माहवारी, जननांग संबंधी समस्याएं, और खानपान व दिनचर्या से जुड़ी कमियां इसके प्रमुख कारण हैं। ओपीडी में 50 से अधिक ऐसी महिलाओं की जांच के बाद इलाज शुरू किया गया, जिसमें से 15 महिलाएं गर्भवती होकर स्वस्थ शिशुओं को जन्म दे चुकी हैं, जबकि 28 अन्य का इलाज जारी है।

गांव नेवादा की 22 वर्षीय मन देवी, जिनकी शादी को तीन साल हो गए थे, 2022 में डॉ. शालिनी से मिलीं। जांच और इलाज के बाद एक साल में वह गर्भवती हुईं और अब उनके दो बच्चे हैं। इसी तरह, घोशिला की 26 वर्षीय प्रिया पाण्डेय, जिन्हें शादी के दो साल बाद भी बच्चा नहीं हुआ था, 2024 में इलाज शुरू होने के आठ महीने बाद गर्भवती हुईं और 11 मार्च 2025 को उन्होंने सुरक्षित प्रसव के जरिए स्वस्थ शिशु को जन्म दिया। दोनों परिवारों में आज खुशी का माहौल है।
डॉ. शालिनी ने बताया कि उचित काउंसलिंग, माहवारी के दौरान पर्सनल हाइजीन, और जननांग संबंधी समस्याओं का समय पर समाधान बांझपन से मुक्ति दिला सकता है। स्वास्थ्य विभाग का यह प्रयास ग्रामीण महिलाओं के लिए नई उम्मीद की किरण बन रहा है।

