पेंशनर्स की मांगों को पीएम के संसदीय कार्यालय पहुंचा वरिष्ठ नागरिकों का प्रतिनिधिमंडल, वित्त विधेयक 2025 के विरोध में सौंपा ज्ञापन
वाराणसी। वरिष्ठ नागरिक पेंशनर्स सेवा संस्थान, उत्तर प्रदेश शाखा-वाराणसी का एक प्रतिनिधिमंडल जिलाध्यक्ष राजेश्वर पाण्डेय के नेतृत्व में सोमवार को प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय पहुंचा। प्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंपते हुए केंद्र सरकार द्वारा वित्त विधेयक 2025 में किए गए पेंशन संबंधी संशोधनों को वापस लेने की मांग की। पेंशनर्स ने इन संशोधनों को असंवैधानिक, भेदभावपूर्ण और वरिष्ठ नागरिकों के आर्थिक अधिकारों पर कुठाराघात करार दिया।
प्रतिनिधियों ने कहा कि संसद में 25 मार्च 2025 को पारित वित्त विधेयक के माध्यम से CCS पेंशन नियमों में जो संशोधन किए गए हैं, वे पूर्व से सेवा निवृत्त पेंशनधारकों को संभावित लाभों से वंचित कर देने वाले हैं। उन्होंने इसे सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए डी.एस. नकारा बनाम भारत सरकार के ऐतिहासिक निर्णय और संविधान के अनुच्छेद 14 का स्पष्ट उल्लंघन बताया।

ज्ञापन में यह भी कहा गया कि इन संशोधनों के चलते केंद्र सरकार द्वारा भविष्य में गठित आठवें वेतन आयोग से पेंशनर्स को मिलने वाले लाभों को लेकर गंभीर असमंजस की स्थिति बन गई है। इससे पेंशनर्स समुदाय में असंतोष और वित्तीय असुरक्षा की भावना बढ़ी है, जो जीवन के अंतिम पड़ाव पर अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।
प्रतिनिधियों ने वित्त विधेयक 2025 में किए गए पेंशन विरोधी संशोधनों को तत्काल समाप्त करने, कर्मचारियों के महंगाई भत्ते के साथ-साथ पेंशनर्स को भी नियमित रूप से महंगाई राहत एक साथ प्रदान करने, कोरोना काल में बंद की गई वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली रेलवे किराये में छूट की सुविधा बहाल करने, पेंशन की राशिकरण की समय-सीमा को 15 वर्ष से घटाकर 11 वर्ष करने, पेंशनर्स को 65, 70 व 75 वर्ष की आयु पर क्रमिक रूप से पेंशन में वृद्धि का लाभ देने की मांग की।
इस मौके पर संस्थान के वरिष्ठ उपाध्यक्ष इंजीनियर आनंद लाल, जिला मंत्री जयराज बहादुर सिंह, मंडल अध्यक्ष दीपेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, नगर अध्यक्ष उमेश बहादुर सिंह, कोषाध्यक्ष बंशी लाल जायसवाल, सदस्य इंजीनियर सीबी सिंह और संजय कुमार श्रीवास्तव सहित कई अन्य सदस्य मौजूद रहे।

