वरिष्ठ भाजपा नेता सुनील ओझा का निधन, भाजपाइयों में शोक, सभी संगठनात्मक कार्यक्रम स्थगित, गड़ौली धाम में होगा अंतिम संस्कार
वाराणसी। वरिष्ठ भाजपा नेता और बिहार भाजपा के सह प्रभारी सुनील ओझा का दिल्ली में निधन हो गया। मेदांता गुड़गांव में भर्ती सुनील ओझा ने बुधवार सुबह 4.30 बजे अंतिम सांस ली। वे 70 वर्ष के थे। कुछ महीने पहले ही उनका उत्तर प्रदेश से बिहार ट्रांसफर हुआ था। बिहार ट्रांसफर से पहले सुनील ओझा यूपी के सह प्रभारी थे। निधन की सूचना से भाजपा कार्यकर्ताओं में शोक की लहर दौड़ गई। भाजपा क्षेत्रीय अध्यक्ष दिलीप पटेल ने श्री ओझा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए आज और कल होने वाले पार्टी के सभी संगठनात्मक कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया।
मूलरूप से गुजरात के रहने वाले सुनील ओझा ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत गुजरात के भावनगर से की थी। वह दो बार भाजपा के टिकट पर भावनगर से विधायक भी चुने गए। जब 2007 में भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो निर्दलीय चुनाव लड़े और हार गए। भाजपा छोड़ने के बाद सुनील ओझा ने महागुजरात जनता पार्टी नाम से अलग पार्टी भी बना ली थी, हालांकि बाद में 2011 में वह एक बार फिर भाजपा के करीब आ गए। फिर उन्हें गुजरात भाजपा का प्रवक्ता बना दिया गया। जब 2014 में पीएम नरेंद्र मोदी ने वाराणसी लोकसभा से चुनाव लड़ने का फैसला किया तो सुनील ओझा, अरुण सिंह और सुनील देवधर को चुनाव की जिम्मेदारी संभालने के लिए भेजा गया। चुनाव के बाद सुनील देवधर अरुण सिंह ने तो दूसरी जिम्मेदारियां संभाल ली पर सुनील ओझा वाराणसी में ही रह गए। जब अमित शाह को यूपी भाजपा का प्रभारी बनाया गया तो सुनील ओझा को सहप्रभारी बना दिया गया। ओझा तब से काशी क्षेत्र की जिम्मेदारी संभाल रहे थे, 2019 में उन्हें गोरक्ष प्रांत की भी जिम्मेदारी दी गई थी।
बनारस से सटे पर मिर्जापुर जिले में पड़ने वाले गड़ौली धाम आश्रम की शुरुआत ओएस बालमुकुंद फाउंडेशन ने की थी। सुनील ओझा इसके अगुआ थे। यह फाउंडेशन पहली बार कोविड की दूसरी लहर के वक्त तब चर्चा में आया था, जब उसके कार्यकर्ताओं ने लोगों को घर-घर खाना पहुंचाना शुरू किया था। इसके बाद सुनील ओझा ने मिर्जापुर में गंगा नदी के किनारे 20 बीघा जमीन खरीदी और उस पर आश्रम का निर्माण शुरू किया। आश्रम में बालेश्वर महादेव का भव्य मंदिर है तो यहां गौरीशंकर की 108 फुट की प्रतिमा लगाने की भी तैयारी की जा रही है। श्री ओझा के निधन की खबर मिलते ही सोशल मीडिया पर शोक संवेदना व्यक्त करने वालों का तांता लग गया। हर कोई उनके साथ बिताए हुए पलों को याद कर उनको अपनी श्रद्धांजलि व्यक्त कर रहा है।
भाजपा क्षेत्रीय अध्यक्ष दिलीप पटेल ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि लाखों कार्यकर्ताओं के प्रेरणास्रोत, संगठन के अनेक दायित्वों का सफलता पूर्वक निर्वहन करने वाले पूर्व में उत्तर प्रदेश भाजपा के सह प्रभारी रहे एवं वर्तमान में बिहार भाजपा के प्रदेश सह-प्रभारी, कुशल संगठन शिल्पी सुनील ओझा जी का असमय गोलोक हेतु प्रस्थान करना हम सबके लिए अत्यंत दुखद है। उनके निधन से होने वाले रिक्तता को भर पाना मुश्किल है। कहा कि ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें व उनके परिजनों को दुख सहन करने की शक्ति दे। क्षेत्रीय मीडिया प्रभारी नवरतन राठी ने बताया सुनील ओझा की शव यात्रा 30 नवंबर गुरुवार को प्रातः 8:00 बजे मडुवाडीह स्थित उनके निवास स्थान महावीर हाइट्स से गड़ौली धाम के लिए प्रस्थान करेगी। श्री ओझा का अंतिम संस्कार कल गड़ौली धाम में प्रातः 10 बजे होगा।
शोक प्रकट करने वालों में भाजपा के प्रदेश महामंत्री एवं काशी क्षेत्र के प्रभारी अमरपाल मौर्य,काशी क्षेत्र के अध्यक्ष दिलीप पटेल,एमएलसी अश्वनी त्यागी, जिलाध्यक्ष एवं एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा, महानगर अध्यक्ष विद्यासागर राय, डॉ वीणा पांडेय,प्रदेश मंत्री शंकर गिरी,मीना चौबे,कोषाध्यक्ष मनीष कपूर,अशोक पांडेय, अशोक चौरसिया, सुशील त्रिपाठी, संतोष पटेल,नागेंद्र रघुवंशी, राकेश शर्मा, आशीष सिंह बघेल, धर्मेंद्र सिंह,डॉ सुदामा पटेल, प्रदीप अग्रहरि, क्षेत्रीय मीडिया प्रभारी नवरतन राठी, संतोष सोलापुरकर, नवीन कपूर, जगदीश त्रिपाठी,सुरेश सिंह,मधुकर चित्रांश, संजय सोनकर, प्रवीण सिंह गौतम, नम्रता चौरसिया,पूजा दीक्षित, कुसुम पटेल, विनिता सिंह,रजत जायसवाल,महेंद्र सिंह गौतम,वैभव कपूर आदि शामिल रहे।
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