वाराणसी कल्लीपुर में मृदा, जल व जीवन श्रोत पर आधारित हुआ गोष्ठी

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वाराणसी। मिर्जामुराद क्षेत्र के कल्लीपुर गांव स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र में विश्व मृदा दिवस पर बुद्धवार को मृदा, जल व जीवन का स्रोत' विषयक पर गोष्ठी आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र रघुबंशी ने बताया की संयुक्त राष्ट्र मिट्टी और पानी की महत्वपूर्ण परस्पर निर्भरता पर जोर देता है। क्योंकि ये संसाधन हमारी खाद्य आपूर्ति में 95% से अधिक का योगदान करते हैं। पौधों द्वारा पोषक तत्वों के अवशोषण के लिए आवश्यक मिट्टी का पानी, हमारी कृषि प्रणालियों की रीढ़ है।
 वही शस्य वैज्ञानिक डॉ. अमितेश सिंह ने बताया की मिट्टी के स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाता है और दुनिया भर की सरकारों से मिट्टी से संबंधित चुनौतियों का समाधान करने वाली नीतियां बनाने का आग्रह किया। साथ ही साथ जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में स्वस्थ मिट्टी एक महत्वपूर्ण समाधान के रूप में उभरती है। कृषि और वनों की कटाई जैसे कारकों से प्रेरित मिट्टी के क्षरण की चिंताजनक दर, विश्व स्तर पर हमारी ऊपरी मिट्टी को खतरे में डालती है। वर्तमान में, 52% कृषि भूमि पहले से ही निम्नीकृत हो चुकी है। यदि यह प्रवृत्ति जारी रहती है, तो जैसा कि हम जानते हैं, जीवन ख़तरे में पड़ सकता है।
 केन्द्र के कृषि प्रसार वैज्ञानिक डॉ. राहुल सिंह ने जैविक खेती को बढ़ावा देने और मृदा स्वास्थ्य कार्ड के कार्यान्वयन जैसी पहल मृदा स्वास्थ्य और संसाधनों का प्रबंधन करते हुए किसानों को लाभ पहुंचाने की सरकार की प्रतिबद्धता को विस्तार से चर्चा किया। इस कार्यक्रम में केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. श्रीप्रकाश, डॉ. मनीष, डॉ. प्रतिक्षा, राणा पियूष, अरविन्द, अशोक, हिमांशु नागपाल, संदीप सहित दर्जनों किसान शामिल रहे।

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