Sawan 2024 :  काशी के कंकर-कंकर में शंकर, आस्था का केंद्र है 400 वर्ष पुराना लोकनाथ महादेव मंदिर 

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वाराणसी। दुनिया और दुनिया में आध्यात्म व संस्कृति का केंद्र मानी जाने वाली काशी नगरी के कंकर-कंकर में शंकर विद्यमान हैं। यहां तमाम प्राचीन मंदिर हैं, जो सैकड़ों वर्षों से काशीवासियों के लिए आस्था का केंद्र हैं। हर मंदिर का अपना अलग इतिहास और पौराणिक महत्व है। काशी के अस्सी के जगन्नाथ मंदिर परिसर स्थित लोकनाथ महादेव मंदिर का भी अपना अलग महत्व है। 400 साल पुराने इस मंदिर से काशीवासियों की आस्था जुड़ी हुई है। इसलिए सावन में यहां दर्शन-पूजन और रुद्राभिषेक के साथ विविध आयोजन होते हैं। 

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संतो महंतों ने बताया कि लोकनाथ शिव का पूजन अर्चन करने से हर मनोकामना पूर्ण होती है। साथ ही बाबा हर दुख बाधा दूर करते हैं। काशी के संत महात्माओं के अनुसार लोकनाथ शिव की स्थापना कब हुई इसकी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है। गीता में भगवान कृष्ण ने कहा है कि वृक्षों में मैं पीपल  हूं और पीपल के वृक्ष के नीचे विराजमान शिवलिंग तो साक्षात भगवान शिव का अवतार ही माना जाता है। जगन्नाथ मंदिर परिसर में स्थापित लोकनाथ महादेव सभी की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। सावन में दर्शन पूजन करने के साथ-साथ ब्राह्मणों द्वारा 24 घंटे रुद्राभिषेक किया जाता है। 

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सावन के पहले सोमवार को भक्तों की भीड़ भगवान शिव के दर्शन-पूजन को उमड़ पड़ी। लोगों ने महादेव का दर्शन-पूजन और जलाभिषेक कर आशीर्वाद लिया। साथ ही घर-परिवार व समाज के सुख-समृद्धि की कामना की।

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