रुंगटा हत्याकांड गवाह को धमकाने के मामले में मुख्तार को साढ़े पांच साल की सजा, एमपी/एमएलए कोर्ट ने लगाया दस हजार का जुर्माना
वाराणसी। कोयला व्यवसायी नंद किशोर रुंगटा की हत्या के गवाह महावीर प्रसाद रुंगटा को धमकाने के मामले में मुख्तार अंसारी को दोषी पाया गया है। वाराणसी के एमपी एमएलए कोर्ट में शुकवार को हुई सुनवाई में मुख्तार अंसारी के खिलाफ सभी आरोप सही साबित हुए। इस मामले में कोर्ट ने मुख्तार को साढ़े पांच साल की सजा सुनाई है। एमपी एमएलए कोर्ट के पीठासीन अधिकारी उज्ज्वल उपाध्याय ने मुख्तार पर दस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
26 वर्ष पुराना है मुकदमा
प्रकरण के मुताबिक, भेलूपुर थाना क्षेत्र के जवाहर नगर के रहने वाले कोयला व्यवसायी नाद किशोर रुंगटा की 22 जनवरी 1997 को अपहरण के बाद हत्या कर दी गई थी। इस हत्या की गाज मुख़्तार अंसारी व उसके गुर्गे अताउर रहमान उर्फ़ सिकंदर पर गिरी थी। इसके बाद पांच नवंबर 1997 की शाम नंद किशोर रुंगटा के भाई महावीर प्रसाद रुंगटा के लैंडलाइन पर धमकी दी गई कि अपहरण कांड में पुलिस अथवा सीबीआई में पैरवी न करें। नहीं तो पूरे परिवार को बम से उड़ा दिया जाएगा। इस संबंध में भेलूपुर थाने में एक दिसंबर को मुकदमा दर्ज कराया गया था।
पुलिस ने इस मामले में विवेचना पूरी कर तीन जुलाई 1998 को मुख़्तार अंसारी के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र प्रेषित किया गया था। नंद किशोर रुंगटा के अपहरण के मामले में सीबीआई कोर्ट ने 27 जून 2000 को फैसला सुनाते हुए मुख़्तार अंसारी समेत छह आरोपितों को दोषमुक्त किया था।
बता दें कि मुख्तार अंसारी पहले ही यूपी के बांदा जेल में अवधेश राय हत्याकांड में सजा काट रहा है। मुख्तार को अब तक सात मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है।
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