Ramotsav 2024 : रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान राम मंदिर में गूंजेगा 56 इंच व्यास वाला 450 किलो वजनी नागाड़ा, काशी में मिली प्रेरणा 

Ramprasad 2024
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वाराणसी। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान गुजरात के भरूच में निर्मित विशालकाय नागड़े की आवाज राम मंदिर प्रांगण में गूंजेगी। नगाड़े का व्यास 56 च और वजन 450 किलोग्राम है। इसके लिए पहल काशी में बसे गुजरात के दबगर समाज के लोगों ने की। वहीं काशी से ही इसके लिए प्रेरणा व आर्थिक सहयोग भी मिला।

 
 
गुजरात के भरुच में बने नगाड़े की ऊंचाई व व्यास 56-56 इंच है। इसका वजन 450 किलोग्राम है। ऑल इंडिया दबगर समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनोद छतरीवाला ने बताया कि लोहे की एक इंच मोटी चादर से नगाड़े का ढांचा तैयार किया गया है। फिर उस पर तांबे की परत और सोने-चांदी का पानी चढ़ाकर नक्काशी कराई गई है। इसमें कुल सात लाख रुपये का खर्च आया। नगाड़े के लिए एक रथ भी तैयार किया गया है, ताकि उसे आसानी से कहीं भी ले जाया जा सके। शुक्रवार और शनिवार को इस नगाड़े को पूरे अहमदाबाद में जनता के दर्शनार्थ घुमाया गया। रविवार को उसे अयोध्या रवाना किया गया। नगाड़ा तीन दिनों में अयोध्या पहुंच जाएगा। 


बीएचयू में जन्मा भाव, फिर बनी योजना
बीएचयू में कार्यरत दबगर समाज के विनोद कुमार ने बताया कि बनारस के कुछ सदस्यों ने राममंदिर में अपनी तरफ से परंपरागत कला अर्पित करने का सुझाव दिया। ऑल इंडिया दबगर समाज ने तब योजना तैयार की। काशी में रहने वाले सोनभद्र के सीएमओ डॉ. अश्विनी कुमार ने 5100 रुपये का पहला सहयोग दिया। उनके बाद काशी में समाज के लगभग चार हजार सदस्यों ने क्षमतानुसार धन अर्पित किया। इस कार्य में नेपाल से भी सहयोग मिला। 8 अक्तूबर-2023 को समाज की बैठक अयोध्या में हुई थी। उसमें हुए आह्वान पर यूपी, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, उत्तरांचल और दिल्ली के अलावा नेपाल के लोगों ने भी दिल खोलकर दान किया। राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और सौराष्ट्र से भी बड़ी धनराशि प्राप्त हुई। गुजरात में समाज के लोगों की आबादी 3.5 लाख से ज्यादा है।

 

सवा महीने तक जलने वाली अगरबत्ती भी पहुंच रही
गुजरात से दबगर समाज के साथ ही दूसरे समाज की तरफ से भी रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए काफी सामग्री भेजी जा रही है। दबगर समाज नगाड़े के अलावा 61 किलो का घंटा भी भेज रहा है। गुजरात के एक मंदिर ने प्रभु के भोग के लिए कांसे के बर्तन, अनाज भेजे हैं। इनके अलावा 108 फीट लंबी अगरबत्ती भी तैयार की गई है। दावा है कि प्राण प्रतिष्ठा के दिन जलने वाली यह अगरबत्ती सवा महीने तक निरंतर सुगंध बिखेरती रहेगी।

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